हल्द्वानी, दोस्ती की कहानी शुरू हुई सोशल मीडिया पर और उसके बाद ऐसा खौफनाक हुआ कि देनी पड़ी जान, यह वाकया मुखानी थाना क्षेत्र का है | जहां पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वीडियो वायरल होने से महिला परेशान थी और आखिर में उसने जहर पी लिया। पुलिस के अनुसार मुखानी थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की फेसबुक आईडी पर 2019 में रोहित बिष्ट नाम के युवक ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। इसके बाद दोनों में बातें होने लगी। इसी दौरान आरोपी ने खुद को सेना में अधिकारी बताया। आरोप है कि उसने महिला से जबरन शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना ली। इसके बाद आरोपी ने उससे कई बार दुष्कर्म किया और 30 हजार रुपये व जेवरात ले गया।
बाद में महिला अपने पति के साथ मसूरी चली गई। इसके बाद आरोपी ने महिला की सोशल मीडिया से फोटो एडिट कर अश्लील फोटो वायरल कर दी। इससे आहत महिला ने जहर पी लिया था, जिसका परिजनों ने अस्पताल में इलाज कराया।
एसओ मुखानी दीपक सिंह बिष्ट ने बताया कि जीरो एफआईआर मसूरी से स्थानांतरित होकर आई थी। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर भर्ती संदेह के घेरे में, एक ही परिवार के छह लोगों को दी गयी नियुक्ति
ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती प्रक्रिया को लेकर नये नये खुलासे हो रहे हैं, ताजा मामले में एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर एक ही राज्य के 600 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। यही नहीं, एक ही परिवार के छह लोगों को भी नियुक्ति दी गई है। सीबीआई के छापा मारने के बाद एम्स ऋषिकेश लगातार सुखियों में बना हुआ है। स्थायी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर एक नया मामला सामने आया है। एम्स में 2018 से 2020 के बीच नर्सिंग संवर्ग में 800 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। हैरानी की बात है कि 800 में से 600 पदों पर राजस्थान के अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इतने बड़े पैमाने पर एक ही राज्य से कर्मचारियों की नियुक्ति से भर्ती प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। हद तो तब हो गई, जब राजस्थान के एक ही परिवार के छह लोगों का नर्सिंग पदों पर चयन हो गया। मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को शिकायत दी गई है। सीबीआई टीम स्थायी नियुक्तियों के साथ उपकरणों की खरीद की जांच कर रही है।
जबकि नर्सिंग कर्मचारियों के लिए संबंधित राज्य की नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के बाद भी कई अभ्यर्थियों ने अब तक उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण नहीं कराया है, जबकि वे एम्स में कार्य कर रहे हैं। एम्स के जन सम्पर्क अधिकारी के हरीश मोहन थपलियाल अनुसार नर्सिंग संवर्ग के पदों पर नियमानुसार भर्ती की गई है। भर्ती प्रक्रिया की सभी अर्हताएं पूरी करने वाले अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया है। योग्य अभ्यर्थियों की स्थिति में राज्य कोई विषय नहीं है। एक परिवार से छह लोगों के चयन का मामला संज्ञान में नहीं है। राज्य काउंसिल में पंजीकरण न कराने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा।
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