बागेश्वर, प्यार के चक्कर में जब कोई बिना शादी किये ही बच्चे की मां बन जाय तो समाज में बदनामी के डर से नवजात शिशु को ही फेंक कर चली जाय है न अचरज भरी घटना, प्यार के नाम पर शारीरिक भूख को शांत करने का शगल पालने वालों के लिए यह खबर किसी सबक से कम नहीं है। प्रेम के नशे में पगलाई एक युवती जब मां बन गई तो उसे लोक लाज और सामाजिक मर्यादाएं सभी ध्यान आ गई। उसने नवजात बच्चे को सड़क के किनारे फेंक दिया। लेकिन कहते हें न कि जिसका कोई नहीं उसका उपर वाला होता है।
एक जन प्रतिनिधि की नजर उस बच्चे पर पड़ गई और उसे चिकित्सालय ले आए। इधर विधि का विधान तो कुछ और ही था। प्रसव के बाद युवती का रक्तस्राव थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। परिजन उसे लेकर उसी चिकित्सालय में जा पहुंचे जहां उसका नवजात शिशु नर्सों के साथ आंख से आंख मिलाकर शायद पूछ रहा था कि उसकी मां कहां है। चिकित्सकों ने युवती की जांच की और वे समझ गए कि युवती नव प्रसूता है। इसके बाद मां की तड़प ने खुल कर सामने आ गई और बच्चे को उसने अपनी गोद में ले लिया। उधर फिल्मी स्टोरी की तरह बच्चे का पिता भी चिकित्सालय आ पहुंचा। अंतत: प्रेमी युगल विवाह के लिए राजी हो गया और बच्चे को लेकर दोनों अपने घर को रवाना हो गए। मामला पुलिस तक जा पहुंचा है इसलिए पुलिस अपनी औपचारिक जांच कार्रवाई के निपटा रही है |
घटना बागेश्वर जिले के बैजनाथ थाना क्षेत्र की है। बागेश्वर जिले के बैजनाथ—ग्वालदम मार्ग पर पिंगलों के जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह किरमोलिया आज सुबह जब कंधार गांव के नजदीक से गुजरे तो उन्हें सड़क के किनारे एक नवजात शिशु किलकारी मारता दिखा। वे नजदीक गए तो देखा एक नवजात बालक कपड़े में लिपटा पड़ा है। किरमोलिया ने बच्चे को उठाकर कर बैजनाथ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा दिया, जहां चिकित्सकों ने बच्चे के स्वास्थ्य की जांच की तो बच्चा पूर्ण स्वस्थ मिला। चिकित्सकों ने बच्चे को चिकित्सालय में रख कर पुलिस को घटना से अवगत कराया। सुबह लगभग दस बजे एक युवती अपने परिजनों के साथ चिकित्सालय पहुंची। उसे रक्तस्राव की समस्या थी।
चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो समझ गए कि उसका रात को ही प्रसव हुआ है। लड़की से पूछताछ की और बच्चे को उसके सामने लाया गया तो उसने सच्चाई बता दी। उसने बतया कि चमोली के थराली निवासी एक युवक से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी बीच वह गर्भवती हो गई। कल रात उसने बच्चे को जन्म तो दे दिया लेकिन लोकलाज के डर से उसके परिजन बच्चे को सड़क के किनारे छोड़ गए, लेकिन किस्मत को तो यह कतई भी मंजूर नहीं था। बच्चे को छोड़ कर आने के बाद उसका रक्तस्राव थमा ही नहीं। अंतत: उसे उसी चिकित्सालय में आना पड़ा जहां कुछ देर पहले उसका नवजात बच्चा पहुंचाया गया था, इधर कुछ ही देर में युवती का प्रेमी भी चिकित्सालय आ पहुंचा। पुलिस के सामने उसने स्वीकार किया कि बच्चा उन्हीं का है और वह युवती से प्रेम करता है। बाद में युवती व उसके परिजन भी शादी के लिए राजी हो गएऔर नवजात को अपने साथ ले गए। बैजनाथ के थानाध्यक्ष कैलाश सिंह बिष्ट ने बताया कि पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच में जुटी है।
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