टोक्यो ओलिंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को गणतंत्र दिवस के मौके पर बड़ा सम्मान मिलेगा.
नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जाएगा. बता दें नीरज चोपड़ा आर्मी में सूबेदार हैं और टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के बाद उन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है. बता दें परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) ,भारत का एक सैन्य पुरस्कार है. इस पुरस्कार का गठन 1960 में किया गया था. ये पुरस्कार शांति के लिए और सेवा क्षेत्र में सबसे असाधारण कार्य करने के लिए दिया जाता है नीरज चोपड़ा ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं. टोक्यो ओलिंपिक में इस खिलाड़ी ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल जीता था. बता दें नीरज चोपड़ा 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार पद पर भी तैनात हैं. सेना में रहते हुए इस एथलीट ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिसके चलते इन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन अब इन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल मिलने वाला है. बता दें नीरज चोपड़ा की कामयाबी में सेना का बड़ा हाथ है. साल 2015 में राजपूताना राइफल्स की टीम ने नीरज चोपड़ा के टैलेंट की पहचान की थी. उस वक्त नीरज चोपड़ा महज 17 साल के थे. नाजपूताना राइफल्स रेजीमेंट के एथलेटिक्स कोच ने चोपड़ा को तुरंत आर्मी में भर्ती करने की सिफारिश की. इसके बाद नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में IAAF अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंक इतिहास रचा और उन्हें सेना ने तुरंत अपने साथ जोड़ लिया. इसके बाद से नीरज चोपड़ा की ट्रेनिंग और इलाज का सारा खर्चा सेना ही उठाती है. (फोटो-नीरज चोपड़ा इंस्टाग्राम)
टोक्यो ओलिंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को गणतंत्र दिवस के मौके पर बड़ा सम्मान मिलेगा. नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जाएगा. बता दें नीरज चोपड़ा आर्मी में सूबेदार हैं और टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के बाद उन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है.
बता दें परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) ,भारत का एक सैन्य पुरस्कार है. इस पुरस्कार का गठन 1960 में किया गया था. ये पुरस्कार शांति के लिए और सेवा क्षेत्र में सबसे असाधारण कार्य करने के लिए दिया जाता है.
नीरज चोपड़ा ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं. टोक्यो ओलिंपिक में इस खिलाड़ी ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल जीता था.
बता दें नीरज चोपड़ा 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार पद पर भी तैनात हैं. सेना में रहते हुए इस एथलीट ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिसके चलते इन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन अब इन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल मिलने वाला है.
बता दें नीरज चोपड़ा की कामयाबी में सेना का बड़ा हाथ है. साल 2015 में राजपूताना राइफल्स की टीम ने नीरज चोपड़ा के टैलेंट की पहचान की थी. उस वक्त नीरज चोपड़ा महज 17 साल के थे. नाजपूताना राइफल्स रेजीमेंट के एथलेटिक्स कोच ने चोपड़ा को तुरंत आर्मी में भर्ती करने की सिफारिश की. इसके बाद नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में IAAF अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंक इतिहास रचा और उन्हें सेना ने तुरंत अपने साथ जोड़ लिया. इसके बाद से नीरज चोपड़ा की ट्रेनिंग और इलाज का सारा खर्चा सेना ही उठाती है.
Recent Comments