देहरादून, उत्तराखंड़ स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के मद्देनजर ऋषिकेश और हल्द्वानी में डीआरडीओ के सहयोग से बनाए गए 500-500 बेड के अस्पतालों का फिर से अधिग्रहण कर लिया है। इनका अधिग्रहण मार्च तक के लिए किया गया है। इस अवधि में इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों का पूरा खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस समय प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 18 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं। प्रतिदिन तीन हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। अधिकांश सरकारी अस्पतालों को पूर्ण रूप से कोविड अस्पतालों में बदल दिया गया है। कोविड केयर सेंटर बनाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने अब गत वर्ष डीआरडीओ द्वारा ऋषिकेश और हल्द्वानी में बनाए गए 500-500 बेड के दो फ्रेब्रिकेटेड अस्पतालों का भी अधिग्रहण कर लिया है। इन अस्पतालों के संचालन में काफी खर्च आता है। एक अनुमान के मुताबिक एक अस्पताल पर मासिक ढाई करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इनमें चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के वेतन से लेकर दवाओं, उपकरणों के साथ ही बिजली व पानी का बिल भी शामिल है। यही कारण भी था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद प्रदेश सरकार ने इन अस्पतालों को केंद्र के सुपुर्द कर दिया था।
अब क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में स्वास्थ्य महकमे ने एहतियातन इन अस्पतालों का अधिग्रहण करने के साथ ही यहां चिकित्सकों की भी तैनाती कर दी है। यहां मरीजों का उपचार भी शुरू कर दिया गया है। सचिव स्वास्थ्य डा पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि अभी मार्च तक के लिए इन अस्पतालों का अधिग्रहण किया गया है।
इसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए इसकी समयसीमा को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी ताकत के साथ जुटा हुआ है। विभाग के पास सभी आवश्यक दवाओं और उपकरण मौजूद हैं।
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