(चन्दन सिंह बिष्ट)
भीमताल, 2022 बस अब लोकतंत्र के पर्व का आगाज शुरू हो चुका है। 14 फरवरी को जनता अपने मत से अपने प्रतिनिधि को चुनेगी। ऐसे में अभी तक पार्टियां अपने प्रत्याशियों को भी नहीं चुन सकी हैं। और प्रत्याशी पल पल नज़र टिकाए बैठे हैं। अब समय भी कम है संभवतः सप्ताह भर के अंदर पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार लेंगी। लेकिन भीमताल की सियासत में पल पल तूफान आ रहा है। इस बार भीमताल विधानसभा की चढ़ाई दावेदारों को खुब हपाएगी। वर्तमान के विधायक राम सिंह कैड़ा अब बीजेपी में एंट्री कर चुके हैं। वो 2017 के विधानसभा चुनावों में पंचड मोदी लहर में भी निर्दलीय जीत दर्ज कर चुके हैं। लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ता अभी भी कैड़ा को स्वीकारने को तैयार नहीं हैं। वैसे कैडा भी बिना शर्त के तो पार्टी में आए नहीं होंगें। बीजेपी के राष्ट्रीय मुख्यालय में जॉइनिंग के समय वो खुद गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से तक मुलाकात कर चुके हैं। अब ऐसे में टिकट कैड़ा का फाइनल होता है तो खैर पार्टी के पुराने नेता क्या कदम उठायेंगे यह तो टिकट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा।लेकिन टिकट से पहले ही भीमताल विधानसभा में सियासी तूफान आना शूरू हो गया है। और बीजेपी के लिए भीमताल की राह में कांटे ही कांटे नज़र दिखाई दे रहे हैं। मौका था सोमवार को जब पूर्व मंडी समिति के अध्यक्ष मनोज साह नवनियुक्त उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा को बधाई देने पहुंचे लेकिन उन्होंने अपने फेसबुक पेज से एक पोस्ट कर भीमताल की सियासत में भूचाल मचा दिया। जिसमें वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भीमताल से पूर्व विधायक दान सिंह भण्डारी के साथ दिखाई दे रहे हैं। अब लोगों ने तरह तरह के आइडियाज लगाने शुरू कर दिए हैं। कई लोगों का कहना है अब विपक्ष एक हो गया। चुनाव सर में हैं और जब चुनावों की तारीख भी आ चुकी हों ऐसे दो बडे़ विपक्षी नेताओं का एक साथ दिखना बडे़ सवाल खड़े करता है। वैसे भीमताल से अक्सर पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट, उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा, ब्लाक प्रमुख धारी आशा रानी, पूर्व मंडी समिति के अध्यक्ष मनोज साह कई बार पार्टी के किसी एक जमीनी व्यक्ति को टिकट दिए जाने की करते चले आए हैं।
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