श्रीनगर, परिसीमन आयोग के मसौदा प्रस्तावों के खिलाफ प्रस्तावित धरने से पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन गुपकार गठबंधन के विरोध को विफल कर दिया। दरअसल, प्रशासन ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इससे जुड़ी हुई एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेेटफॉर्म ‘ट्विटर’ पर साझा की।
अंग्रेजी वेबसाइट ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, परिसीमन आयोग के मसौदा प्रस्तावों के खिलाफ प्रस्तावित विरोध को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कई शीर्ष नेताओं को नजरबंद कर दिया। जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। आपको बता दें कि गुपकार गठबंधन ने परिसीमन आयोग के मासौदा प्रस्तावों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। जिसे प्रशासन ने रोक दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के घर के बाहर पुलिस ने ट्रक खड़ा कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि शुभ प्रभात और 2022 में आपका स्वागत है। नया साल उसी प्रकार से जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ लोगों को उनके घरों में अवैध रूप से बंद कर रहा है और एक प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से इतना भयभीत है। शांतिपूर्ण गुपकार गठबंधन के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हमारे गेट के बाहर ट्रक खड़े हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलती।
उन्होंने आगे लिखा कि पुलिस ने मेरे पिता के घर को, मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
वहीं दूसरी तरफ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारे विरोध को विफल करने के निरंकुश प्रशासन के प्रयासों के बावजूद, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता आज श्रीनगर में सड़कों पर उतरकर आर्टिकल 370 के अवैध निरसन के खिलाफ आवाज उठाने में कामयाब रहे। मैं उनके साहस और संकल्प को सलाम करता हूं। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी कार्यकर्ता श्रीनगर में विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले नेताओं को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया।
Good morning & welcome to 2022. A new year with the same J&K police illegally locking people in their homes & an administration so terrified of normal democratic activity. Trucks parked outside our gates to scuttle the peaceful @JKPAGD sit-in protest. Some things never change. pic.twitter.com/OeSNwAOVkp
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 1, 2022
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