ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कॉलेज ऑफ नर्सिंग व नियोनेटोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय नवजात सप्ताह मनाया गया, जिसमें “सुरक्षा, गुणवत्ता पोषण देखभाल: प्रत्येक नवजात शिशु का जन्म अधिकार” पर जोर देते हुए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। राष्ट्रीय नवजात सप्ताह के अंतर्गत एम्स अस्पताल परिसर में नियोनेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर. श्रीपर्णा बसु, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम सिंह, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य जेवियर बेलसियाल, नर्सिंग प्रभारी शेनॉय की देखरेख में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में एमबीबीएस एवं नर्सिंग स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया।
सप्ताह के तहत संस्थाान के नर्सिंग अधिकारियों के लिए समय से पहले नवजात की देखभाल पर विचार-मंथन व प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। साथ ही अस्पताल परिसर में “आवश्यक नवजात देखभाल” विषय के तहत ओपीडी एरिया में जन स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम के तहत आम जनता के लिए मिथकों और नवजात शिशुओं से जुड़े विभिन्न तथ्यों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें आमजन को नवजात की आवश्यक देखभाल, स्तनपान, नवजात शिशुओं को होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया।
सप्ताहव्यापी कार्यक्रम में आयोजन समन्वयक डा. मलार कोडी, रूपिंदर देयोल, प्रसुना जेली, नर्सिंग ट्यूटर्स सुश्री शर्मिला जयरानी.जे, रश्मि नेगी, मीनाक्षी, रेणु आदि ने प्रतिभाग किया।, जिसमें “सुरक्षा, गुणवत्ता पोषण, देखभाल, प्रत्येक नवजात शिशु का जन्म अधिकार” पर जोर देते हुए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई।
राष्ट्रीय नवजात सप्ताह के अंतर्गत एम्स अस्पताल परिसर में नियोनेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर. श्रीपर्णा बसु, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम सिंह, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य जेवियर बेलसियाल, नर्सिंग प्रभारी शेनॉय की देखरेख में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में एमबीबीएस एवं नर्सिंग स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। सप्ताह के तहत संस्थाान के नर्सिंग अधिकारियों के लिए समय से पहले नवजात की देखभाल पर विचार-मंथन व प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। साथ ही अस्पताल परिसर में “आवश्यक नवजात देखभाल” विषय के तहत ओपीडी एरिया में जन स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम के तहत आम जनता के लिए मिथकों और नवजात शिशुओं से जुड़े विभिन्न तथ्यों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें आमजन को नवजात की आवश्यक देखभाल, स्तनपान, नवजात शिशुओं को होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया। सप्ताहव्यापी कार्यक्रम में आयोजन समन्वयक डा. मलार कोडी, रूपिंदर देयोल, प्रसुना जेली, नर्सिंग ट्यूटर्स सुश्री शर्मिला जयरानी.जे, रश्मि नेगी, मीनाक्षी, रेणु आदि ने प्रतिभाग किया।
वर्ल्ड एंटीबायोटिक वीक : नुक्कड़ नाटक व हैंड हाईजीन पर आधारित मॉब डांस का हुआ आयोजन
ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)में आयोजित वर्ल्ड एंटीबायोटिक वीक के तहत नुक्कड़ नाटक व हैंड हाईजीन पर आधारित मॉब डांस का आयोजन किया गया। वर्ल्ड एंटीबायोटिक सप्ताह के तहत शनिवार को संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन एवं कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिसके तहत मरीजों व उनके तीमारदारों को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल के तौर तरीके बताए गए, साथ ही उन्हें एंटीबायोटिक का बिना वजह गलत इस्तेमाल करने से होने वाले शारीरिक दुष्प्रभावों के प्रति आगाह किया गया। इस अवसर पर नर्सिंग स्टूडेंट्स की ओर से मॉब डांस के माध्यम से भी लोगों को हैंडहाईजीन को लेकर जागरुक किया गया, साथ ही बताया कि जिसके माध्यम से प्रतिभागियों को बताया कि हैंडहाईजीन से किस तरह से एंटीबायोटिक के उपयोग को कम किया जा सकता है। इस दौरान मरीजों व उनके तीमारदारों ने एम्स अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों से एंटीबायोटिक को लेकर कई तरह के सवाल किए जिनका चिकित्सकों ने निस्तारण किया। इस अवसर पर कम्यूनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. संतोष कुमार व उनकी टीम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में शिविर आयोजित कर आम जनमानस को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल की जानकारी दी गई साथ ही उन्हें एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया गया। टीम में डा. निशांत व डा. गुरविंदर शामिल थे। उधर, वर्ल्ड एंटीबायोटिक वीक के तहत एम्स के गेट नंबर एक से जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसे संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली आस्थापथ से होते हुए निकली, इस दौरान लोगों को एंटीबायोटिक के सही तरीके से इस्तेमाल को लेकर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डा. प्रसन्न कुमार पंडा, डा. जेवियर बैल्सी, डा. राजेश कुमार, डा. रूचिका रानी,डा. राखी मिश्रा, डा. मनीष शर्मा, डा. मलार कोडी आदि मौजूद थे।
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