ऋषिकेश, उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध अब सरकार के गले की फांस बनता जा रही है. लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. तीर्थ पुरोहितों ने साफ किया है अगर 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई फैसला नहीं लेती तो, वह विधानसभा का घेराव करेंगे, इतना ही नहीं, उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी ऐलान किया कि 15 सीटों पर वह अपने प्रत्याशी उतारेंगे |
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का विरोध थमता नजर नहीं आ रहा है. सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है, जिससे तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी बेहद नाराज नजर आ रहे हैं. 30 नवंबर तक मामले में सकारात्मक जवाब नहीं आने पर तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है. साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूरे देश के तीर्थ पुरोहित को पोस्टकार्ड भेजकर देवस्थानम बोर्ड का विरोध भी करेंगे |
तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महा पंचायत समिति के बैनर तले तीर्थ पुरोहितों ने प्रेस वार्ता की, जिसमें समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने सरकार पर जमकर निशाने साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दो बार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का वादा तीर्थ पुरोहितों से किया. जिस पर सरकार खरा नहीं उतरी है. पहले मुख्यमंत्री ने 20 अक्टूबर तक का समय तीर्थ पुरोहितों से मांगा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर तीन मंत्रियों ने वादा किया कि जल्द ही देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा।
कृष्णकांत कोठियाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहित-हकहकूकधारी सरकार की वादाखिलाफी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसलिए अब तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन का निर्णय ले लिया है. गैरसैंण में होने वाले शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान हजारों तीर्थ पुरोहित एकत्रित होकर अपना विरोध करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पोस्ट कार्ड भेजकर देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया जाएगा. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान तीर्थ पुरोहित उत्तराखंड की 15 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे |
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