हल्द्वानी : एमबीपीजी कालेज में प्रवेश की मांग कर रहे छात्रों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज के बाद राजनीति गरमाने लगी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों की ओर से विरोध प्रदर्शन के सफल होने के बाद अब कांग्रेस ने भी इसमें शामिल होने का बयान जारी कर दिया है। ऐसे में चुनावी माहौल में राजनीति की रोटी सेंकने के लिए इसे तूल देने का प्रयास किया जा रहा है।
एमबीपीजी कालेज में प्रवेश के मुद्दे पर हर साल की तरह एक बार फिर से छात्रों ने राजनीति शुरू कर दी है। कोरोना के बाद खुले परिसर में छात्रों ने सीटें बढ़ाते हुए सभी को प्रवेश देने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि सभी 10 हजार आवेदकों को कालेज में प्रवेश दिया जाए। जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कहीं बाहर नहीं भटकना पड़े। इसके लिए छात्रनेता कालेज में ही सांध्यकालीन कक्षाएं चलाने की भी मांग कर रहे हैं। जिससे दो पालियों में कालेज संचालित कर सभी छात्रों को शिक्षा व्यवस्था से लाभान्वित किया जा सके।
जबकि कालेज प्रशासन का कहना है कि उनके पास सीटें बढ़ाने का अधिकार नहीं है। ऐसे में छात्रों को यह मांग शासन व उच्च शिक्षा निदेशालय से करना चाहिए। इसी मुद्दे पर शुक्रवार 12 नवंबर को एक बार फिर से राजनीति गरमा गई। आक्रोशित छात्रों ने प्रवेश बंद कराते हुए कालेज में तोडफ़ोड़ शुरू कर दिया। जिसे संभालने के लिए मौके पर पुलिस फोर्स बुलाई गई। बाद में छात्रों के विरोध के बीच कथित रूप से लाठीचार्ज का भी आरोप है।
शुक्रवार को ही देर शाम एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष विशाल सिंह भोजक ने अपना बयान जारी कर संगठन की सहभागिता का जिक्र किया। वहीं कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने भी इस मुद्दे पर अपना विस्तृत बयान जारी किया है। जिसमें छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र का हनन बताया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति के और ज्यादा गरमाने के आसार हैं।
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