हरिद्वार 10 नवम्बर (कुलभूषण) पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़े में भगवान कार्तिकेय जयंती और गुरु छठ पर्व धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सर्व प्रथम भगवान कार्तिकेय की पूजा आरती की गयी । इसके उपरांत गंगोत्री से पहुंचे गंगाजल की पूजा कर हर हर गंगे की जयकारों के साथ गंगाजल के कलश को पशुपति नाथ मंदिर के लिए रवाना किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि भगवान कार्तिकेय हमारे आराध्य है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय का जन्म तारकासुर के संहार के लिए हुआ था। तीनों लोकों में हाहाकार मचा रहे तारकासुर का वध कर भगवान कार्तिकेय ने संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलायी।
इनकी पूजा करने से परिवारों में सुख समृद्वी का वास होता है। निरंजनी अखाड़े में पूर्ण विधि विधान के साथ भगवान कार्तिकेय की आरती उतारकर पूजन किया गया। रविंद्र पुरी महाराज ने छठ पर्व की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूर्वांचल के लोग गंगा तटों पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवारों की सुख समृद्वी की कामना करते हैं। निश्चित तौर पर सच्चे मन से की गई प्रार्थनाओं का अवश्य ही फल प्राप्त होता है। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि भगवान कार्तिकेय भगवान देवताओं के सेनापति है। बलवान एवं रक्षक देवता है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आराध्य और निरंजन स्वामी है। इनका पूजन और उपासना बड़े ही सरल एवं शांत ढंग से की जाती है। इनकी उपासना करने से त्वरित मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस मौके पर महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद गिरी महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद श्रीमहंत महेश पुरी महंत रविपुरी आरके शर्मा वैभव शर्मा डॉ सुनील कुमार बत्रा विकास तिवारीएमनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी दिगंबर राजगिरीएअनिल शर्माएबिंदु गिरीए आदि उपस्थित रहे।
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