पिथौरागढ़। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद स्मारक निकट रामलीला मैदान में विभिन्न संगठनों के लोगों ने राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुये खटीमा मसूरी सहित अन्य स्थानों पर शहीद हुये आंदोलनकारियों को भावभीनी श्रद्वांजलि दी। श्रद्वांजलि सभा में बोलते हुये वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान शहदी हुये आंदोलनकारियों के बलिदान को कभी भुलाया जा सकता। राज्य गठन के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी शहीदों के सपनों का उत्तराखण्ड बनना अभी बाकी है। विकास तो हुआ है लेकिन पलायन जैसी समस्या के लिये अभी भी ठोस पहल होनी बाकी है। सड़क, पानी, बिजली के लिये लोग आज भी संघर्ष कर रहे हैं पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सुविधओं की कमी लोगों को महंगे इलाज के लिये मजबूर कर रही है। श्रद्वांजलि सभा में डा0 गुरूकुलानन्द कच्चाहारी, डी.एन.भट्ट, मनोहर सिंह जेठी, गिरध्र सिंह, ललित शौर्य, पी.डी.भट्ट, गजेन्द्र सिंह बोरा राजेन्द्र देवलाल, विप्लव भट्ट, डी.एस. भंडारी, रमेशचन्द्र शर्मा, के.डी.भट्ट, चन्द्रशेखर भट्ट, बी.बी.भट्ट, सोबनसिंह खड़ायत, डा0 योगेश शर्मा, प्रकाश जोशी शूल, गोपाल सती, जगतराम नरेन्द्र गुरूंग आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जुगल किशोर पाण्डे ने किया।
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