नई दिल्ली, वैसे तो हमारे समाज में शादी से पहले बच्चा पैदा करना किसी पाप से कम नहीं माना जाता .. एक लड़की के लिए शादी से पहले गर्भ धारण करना समाज में बड़ी बदनामी मानी जाती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां शादी से पहले बच्चा पैदा करना एक परंपरा है। शायद आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगे लेकिन ये सच है।
जी हां, यह परंपरा उदयपुर के सिरोही और पाली में रहने वाली गरासिया जनजाति में निभाई जाती है। यह एक ऐसे समाज है, जहां शादी से पहले बच्चे पैदा करना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, अगर यहां शादी से पहले बच्चे पैदा न हो तो उसे अपशकुन माना जाता है।
ये अजीब गरीब परंपरा राजस्थान में 1000 वर्ष पुरानी है। इसे ‘दापा प्रथा’ कहा जाता है। वहीं इस परंपरा को करीब से देख जाये ये आज के लिव इन रिलेशनशिप की जैसी लगेगी। जिसे हमारा समाज में गलत समझा जाता है। गरासिया जनजाति की परंपरा के मुताबिक, लड़के और लड़कियां अपनी रजामंदी से लिव इन में रहते हैं और बच्चे पैदा होने के बाद ही एक-दूसरे से शादी करते हैं। वहीं परंपरा के नाम पर गरासिया जनजाति में 2 दिन का विवाह का विशेष मेला लगता है। इस मेले में लड़का और लड़की, दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं और बिना विवाह किए एक साथ रहने लगते हैं। फिर बच्चे के जन्म के बाद ही अपनी इच्छानुसार शादी करते हैं। हालांकि, यहां लड़का और लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी दी जाती है। इसे लेकर ऐसी मानता है कि, कई वर्ष पहले गरासिया जनजाति के चार भाई कहीं और जाकर रहने लगे थे। इनमें से 3 ने शादी की और एक लड़का लिव इन में रहने लगा था। केवल लिव इन वाले को छोड़कर किसी के बच्चे नहीं हुए थे, तभी से यहां के लोग इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
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