देहरादून, संगीत में रुचि रखने वाले छात्रों को अब दून में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन सीखने का मौका मिलेगा। इसके लिए उत्तराखंड में पारंपरिक और धार्मिक अनुष्ठानों के रूप में गाए जाने वाले जागर को दुनियाभर के मंचों तक पहुंचाने वाले पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने देहरादून में जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी शुरू करने की गुरुवार को घोषणा की ।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने बताया कि एकेडमी खुलने से लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का, डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को उत्तराखंडी लोक संस्कृति को जानने व समझने का मौका मिलेगा। जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी से निशुल्क प्रशिक्षण लेने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एकेडमी का उद्देश्य प्रदेश की लोक संस्कृति, जागर, ढोल सागर जैसी विधाओं को बचाना है। एकेडमी का शुभारंभ 17 अक्तूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि करेंगे। एकेडमी के शुभारंभ के मौके पर ढोल कला विरासत को संजोने वाले 105 वर्षीय ढोल सागर ज्ञाता शेरदास व 81 वर्षीय कलम दास जैसे अन्य कलावंतों को भी सम्मानित किया जाएगा। एकेडमी में प्रवेश के लिए देश-विदेश के छात्र एकेडमी की आधिकारिक वेबसाइट [email protected] पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Recent Comments