Tuesday, November 26, 2024
HomeNationalडीजल को लेकर बढ़ती जा रही है उद्योग जगत व ट्रांसपोर्टरों की...

डीजल को लेकर बढ़ती जा रही है उद्योग जगत व ट्रांसपोर्टरों की चिता

गुरुग्राम: डीजल के बढ़ते रेट से उद्योग एवं ट्रांसपोर्ट जगत की चिताएं लगातार बढ़ती ही जा रहीं हैं। डीजल एवं पेट्रोल को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चल रही है। उद्यमियों एवं ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इससे उनका खर्च बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपोर्टर माल ढुलाई का भाड़ा बढ़ाने का दबाव उद्यमियों पर बना रहे हैं। उद्यमी इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसा इसलिए कि औद्योगिक वातावरण लगातार नकारात्मक वातावरण से गुजर से रहा है। गुरुग्राम में रविवार को डीजल का प्रति लीटर रेट 91.49 रुपये तक पहुंच गया है।

औद्योगिक इकाइयों में विभिन्न कामों के लिए डीजल का इस्तेमाल किया जाता है। इससे जहां एक ओर उनका उत्पादन लागत बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि हो रही है। उद्यमियों और ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जिस प्रकार से डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं उससे देखकर लग रहा है आने वाले कुछ ही दिनों में यह लगभग 100 रुपये के स्तर तक पहुंच जाएगा। ट्रांसपोर्टर नवीन यादव का कहना है कि लंबी दूरी की माल ढुलाई करने में आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल और सीएनजी की बढ़ती कीमत के अनुसार माल भाड़ा बढ़ाने की मांग लगातार उद्यमियों से की जा रही है। वर्तमान में उनकी भी हालत ऐसी नहीं है कि वह इसके अनुसार माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि करते जाएं।

हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर बताते हैं कि पिछले माह लखनऊ में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक से उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा मगर ऐसा नहीं हो सका। इनका कहना है कि अलगी बैठक में इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। औद्योगिक कच्चे माल की बढ़ती कीमत के कारण उद्यमी पहले से ही परेशान हैं ऐसे में डीजल का भी रेट बढ़ता गया तो फेस्टिवल सीजन में भी उद्योग उभर नहीं पाएंगे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments