Monday, November 25, 2024
HomeStatesUttarakhand'सुर लहरी संगीत संस्था' की कार्यशाला का शुभारंभ : शास्त्रीय संगीत ही...

‘सुर लहरी संगीत संस्था’ की कार्यशाला का शुभारंभ : शास्त्रीय संगीत ही हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान : सुमित्रा गुहा

देहरादून, लहरी संगीत संस्था के तत्वावधान में आयोजित संगीत कार्यशाला में दून पहुँची पद्मश्री सुमित्रा गुहा ने कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारी मां है। युवा पीढ़ी को अपनी इस मां से दूर नहीं होना चाहिए। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुकी सुमित्रा ने कहा कि शास्त्रीय संगीत ही हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। यदि युवा इससे दूर हो जाएंगे तो धीरे-धीरे हम अपनी पहचान भी खो देंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में युवा संगीत तो सीख रहे हैं, लेकिन उसकी बारीकियों को नहीं समझते हैं। शास्त्रीय संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें इन बारीकियों से रूबरू कराता है। शास्त्रीय संगीत ही सही मायने में सच्चा संगीत है।

सुर लहरी संगीत संस्था की ओर से नगर निगम के प्रेक्षागृह कार्यशाला के प्रथम दिन पद्मश्री सुमित्रा गुहा ने अपनी प्रस्तुति दी।
वह दून में बच्चों व युवाओं को शास्त्रीय संगीत के गुर सिखाने आई हैं। इस अवसर पर सुर लहरी संस्था के प्रधानाचार्य उत्पल सामंत ने बताया कि पुरानी रायपुर चुंगी स्थित सुर लहरी संगीत संस्था के कार्यालय में चार दिनों तक यह प्रशिक्षण चलेगा। जो भी शास्त्रीय संगीत में रुचि रखता है, वह इस कार्यशाला में भाग ले सकता है | इस मौके पर पद्मश्री सुमित्रा गुहा ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुति से स्रोताओं का मन मोह लिया। जैसे ही उन्होंने शास्त्रीय संगीत के सुर छेड़े पूरा हाल तालियों से गूंज उठा। इस मौके पर तबले पर अनूप घोष व सारंगी पर कमाल अहमद खान ने संगत दी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महापौर सुनील उनियाल गामा, सुर लहरी संस्था के प्रधानाचार्य उत्पल सामंत, जगदीश बाबला, डा. सीमा रस्तोगी आदि मौजूद रहे।

पद्मश्री सुमित्रा गुहा :
वर्तमान में हरियाणा में रह रही और आंध्र प्रदेश में जन्मीं सुमित्रा गुहा को अपनी मां से संगीत सीखने की प्रेरणा मिली। बचपन से ही वह संगीत से जुड़ी रहीं। शुरुआत में उन्होंने दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखा। फिर उसके बाद हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में भी विशेषता हासिल की। उन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रस्तुतियों से शास्त्रीय संगीत का प्रचार-प्रसार किया है। संगीत के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए वर्ष 2010 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments