नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर शाट उसकी योजना में शामिल नहीं है और फिलहाल लोगों को दो खुराक देना मुख्य प्राथमिकता है। एक प्रेस ब्रीफिंग में सवाल का जवाब देते हुए आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि दोनों खुराक देना आवश्यक है और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘ हमें एक बात स्पष्ट रूप से याद रखने की आवश्यकता है कि बूस्टर डोज इस समय वैज्ञानिक चर्चा के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय विषय नहीं है। लोगों को दो खुराक देना प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है।’
भार्गव ने आगे कहा कि कई एजेंसियों ने सिफारिश की है कि एंटीबाडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए। लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि दोनों खुराक का पूर्ण टीकाकरण आवश्यक है और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत की 20 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक लग गई है और 62 प्रतिशत को कम से कम एक खुराक लग गई है। 99 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को पहली खुराक और 82 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों ने दोनों खुराक ले ली है।
भूषण ने आगे कहा कि 100 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली खुराक दी गई है, जबकि 78 प्रतिशत को दोनों खुराक दे दी गई है। अब तक, पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, गोवा, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में सभी वयस्क लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है।
बता दें कि देश में टीकाकरण में तेजी आई है। भूषण ने इसे लेकर कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, मई में रोजाना वैक्सीन की औसतन 19.69 लाख दी जा रही थी। एक महीने में यह बढ़कर जून में 39.89 लाख हुई। फिर जुलाई में 43.41 लाख और अगस्त में 59.19 लाख हो गई है। वहीं सितंबर के पहले 15 दिनों में औसत दैनिक टीकाकरण प्रति दिन 74.40 लाख रहा है।
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