रवांई घाटी के नौगांव (उत्तरकाशी) में कल 12 सितम्बर को होगी बागवान व आम नागरिकों की बैठक।
नौगांव में मंजूर कृषि मंडी को शीघ्र खोलने व यमुना घाटी में बेस अस्पताल व डाक्टरों की तैनाती के लिए करेंगे, मुख्यमंत्री से मांग।
सरकार के उपेक्षित रवैये पर बनेगी आन्दोलन की रणनीति।
(प्रेम पंचोली)
उत्तरकाशी, रवांई यमुना घाटी के नौगांव में पूर्व की भाजपा सरकार ने कृषि मण्डी खोलने की घोषणा की थी, नौगांव में बेस अस्पताल की मांग कई वर्षो से लम्बित है आदि जन समस्याओं को लेकर 12 सितम्बर को नौगांव में मंन्त्रणा होने जा रही है। सरकार के उपेक्षित रवैये पर घाटी में जन समर्थन जुटाने पर भी गम्भीर रणनीति बनाने की सूचना है। सूचना है कि इस दौरान क्षेत्र के किसान-काश्तकार, बागवान व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता इस बैठक का हिस्सा होंगे।
बैठक के मुख्य आयोजक विजेन्द्र रावत (वरिष्ठ पत्रकार/ बागवान), जगदीश असवाल (अध्यक्ष व्यापार मंडल नौगांव), कबूल चंद पंवार प्रतिनिधि जिला व्यापार मंडल), राजेश रावत, विजय सिंह रावत, आजाद डिमरी व जगमोहन चंद, जे.पी.नौटीयाल (बागवान) ने बताया कि 12 सितम्बर रविवार को नौगांव के शिवमन्दिर में एक आम बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें नौगांव में वर्षों से मंजूर कृषि मंडी के शीघ्र स्थापना की मांग एवं नौगांव में बेस अस्पताल खोलने की मांग मुख्यमंत्री से रखी जाएगी।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सबसे अधिक कैस क्रोप उत्पाद यमुना व टौंस घाटी के किसान पैदा करते हैं। यह नगदी फसल सही समय पर मण्डी न पंहुचने या उपयुक्त दाम न मिलने की वजह से यहां के किसान शहरों के आढ़ती व दलालों द्वारा लूटे जाते हैं, कई बार ऐसा समय आया कि किसानों के टमाटर में प्रयोग होने वाली महंगी दवाओं के पैसे भी वसूल नहीं होते।
मांग है कि मंडी खुलेगी तो बाहर से व्यापारी आएंगे, यहां की फसलों को हिमाचल की तरह घर में ही अच्छे दाम मिलेंगे, जिस कारण इस क्षेत्र के हजारों स्थानीय युवाओं और वाहनों को रोजगार भी मिलेगा।
ऐलान किया गया कि क्षेत्र विकास के लिए लोग अपनी आवाज खुद उठायें ताकि खुद व अपनी आने वाली पीढ़ी की बर्बादी के हम गुनाहगार न बने। अर्थात संकीर्ण राजनीति को दूर रखकर सिर्फ क्षेत्र के विकास के लिए इस समय एकजुट होने प्रबल आवश्यकता है।
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