देहरादून, जंगल सफारी करने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी ,अब राजाजी टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध चीला रेंज के साथ ही रानीपुर गेट से भी पर्यटक डेढ़ महीने पहले से ही जंगल सफारी कर सकेंगे। एक अक्तूबर सैलानियों के लिए रेंज खुल जाएंगी। जी हाँ टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा ट्रैक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे जिप्सी संचालकों को भी रोजगार प्राप्त होगा ।
जिप्सी वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सुरेश चंद शर्मा और सचिव शशि राणाकोटी की तरफ से लंबे समय से ट्रैक खुलने का समय को बढ़ाने की मांग की जा रही थी। उनका कहना था कि सिर्फ सात महीने ट्रैक खुलने से उन्हें रोजगार मिलता है। फिर पांच महीने खाली बैठना पड़ता है। ऐसे में उन्हें गाड़ियों और उनके पास काम करने वाले ड्राइवरों का वेतन निकलना भी बहुत मुश्किल होता है।
उनकी मांग पर गंभीरता से विचार विमर्श करते हुए जहां रिजर्व प्रशासन ने अंधेर बीट में साल भर के लिए पिछले सप्ताह में ट्रैक को चालू कर दिया है। वहीं, अब एक अक्तूबर से चीला रेंज के मुख्य गेट और हरिद्वार रेंज के रानीपुर गेट को भी खोलने को लेकर हरी झंडी दे दी गई है।जी हाँ अब राजाजी के प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू कराने के लिए जंगल सफारी के ट्रैक को तैयार करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला रेंज के रेंजर अनिल पैन्यूली ने बताया कि 15 नवंबर की बजाय एक अक्तूबर से चीला रेंज के मुख्य गेट को खोलने हेतु ट्रैक तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। यदि आगे अब और बारिश नहीं हुई तो ट्रैक को निर्धारित समय से पूर्व तैयार कर दिया जाएगा। इससे सैलानी डेढ़ माह पहले ही इस बार जंगल सफारी कर प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवों का दीदार कर सकेंगे |शशि राणाकोटी, सचिव, जिप्सी वेलफेयर सोसायटी, के सचिव शशि राणाकोटी ने सरकार का यह कदम सराहनीय बताया और कहा कि चीला गेट से बड़ी संख्या में देशी-विदेेशी सैलानी जंगल सफारी करते हैं, परन्तु कम समय गेट खुलने से पर्यटकों को जंगल यात्रा करने का अवसर नहीं मिल पाता है। वहीं, जिप्सी संचालकों को भी सालभर रोजगार नहीं मिल पाता है।वहीं अब एक अक्तूबर से चीला गेट खुलने से जहां सैलानियों को फायदा होगा, वहीं जिप्सी संचालकों को भी लाभ होगा।
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