देहरादून, रायपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ दिल्ली में बीजेपी हाईकमान के कई नेताओं से मुलाकात के बाद देहरादून वापस लौट आये हैं। दून में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने अपने दर्द को साझा किया, पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि भाजपा हाईकमान को अपनी पिछले पांच साल की पीड़ा को बताकर वह आए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से करीब एक एक घंटे तक बातचीत हुई है और अब अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान को करना है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो उनका एक संगठन है जिसमें पार्टी के कई विधायक भी है उनके साथ बैठकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी, आपको बता दें कि रायपुर से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने अपनी ही पार्टी में चल रही गुटबाजी की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी समेत कई नेताओं से की है। विधायक काऊ का हाल ही में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उनका अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओँ के साथ विवाद हुआ था जिसकी शिकायत के लिए वह दिल्ली गये थे।
विधायक काऊ के समर्थन में आए कैबिनेट मंत्री हरक, केन्द्रीय नेतृत्व से करेंगे बात
देहरादून, विधायक उमेश शर्मा काऊ और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हुए विवाद अब गहराने लगा है। राज्य कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी विधायक काऊ के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि वे इस संबध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, एक परिवार के हैं, बाहर और भीतर की बात ठीक नहीं।
बीते शनिवार को रायपुर डिग्री कॉलेज में नए भवन की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही दल के कार्यकर्त्ताओं पर बरस पड़े थे। इस विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। काऊ के समर्थन में आए हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में डा रावत ने कहा कि पांच साल पहले भाजपा में शामिल हुए लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम लोग पांच साल पहले भाजपा में आए थे और हम एक परिवार की तरह हैं। अगर अब भी बाहर और भीतर की बात होगी तो यह उचित नहीं है।
गौरतलब हो कि भाजपा के विधायक और कार्यकर्त्ता माललदेवता में बीते शनिवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से ठीक पहले आपस में भिड़ गए। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने काऊ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने कार्यक्रम को छोड़ने तक की धमकी दे दी। भाजपा विधायक अपने ही पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को औकात में रहने तक की धमकी देने लगे। विधायक जिस कार्यकर्त्ता से उलझे वह जिला पंचायत के सदस्य थे।
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