बागेश्वर, प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन पटरी से उतर गया है। बागेश्वर जिले कपकोट क्षेत्र में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बिजली की लाइन पर पेड़ गिरने से गांवों की विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई है। जिससे लगभग एक हजार परिवार प्रभावित हो गए हैं। जबकि 15 सड़कें बंद होने से लगभग 15 हजार लोगों की यातायात व्यवस्था पटरी से उतर गई है।
अतिवृष्टि से कपकोट तहसील के शामा निवासी महेंद्र राम पुत्र अमर राम का आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। परिवार के छह सदस्यों ने अन्यत्र शरण ली है। मल्लादेश निवासी प्रताप राम पुत्र भवानी राम का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। परिवार के पांच सदस्य बेघर हो गए हैं।
गरुड़-द्यौनाई किमी नौ, भानी-हरसिंग्याबगड़ किमी दो, कपकोट-गैरखेत किमी सात, आठ, पोथिंग-शोभाकुंड किमी तीन, कंधार-सिरमोली-लोहागड़ी, किमी एक, बिजोरीझाल-ओलखसों किमी एक, कपकोट-कर्मी किमी 12,19, हरसिला-पुड़कुनी किमी दो, छह, दस, 12, हरसिला-नानकन्यालीकोट किमी तीन, चार, शामा-लीती-गोगिना किमी छह, रिखाड़ी-बाछम किमी चार, छह, और आठ, मुनार बैड से सूपी किमी दो, तीन, पांच, बागेश्वर-कपकोट किमी 18 से लीली मोटर मार्ग तक, धरमघर-माजखेत किमी दस, शामा-नाकुड़ी किमी नौ में बंद है। अधिकतर सड़कें भूस्खलन के कारण मलबा आने के कारण यातायात के लिए बाधित चल रही हैं। जिससे लगभग 15 हजार से अधिक ग्रामीण जनता प्रभावित हो गई है।
अतिवृष्टि से कपकोट तहसील में बिजली की लाइन पर पेड़ गिर गया है। जिससे कर्मी, सापुली, धुर, खर्किया आदि गांवों की आपूर्ति ठप हो गई है। जिससे एक हजार परिवार प्रभावित हो गए हैं। ऊर्जा निगम लाइन को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। कपकोट के जगथाना गांव के ध्वजाबगड़ तोक में पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। तोराई, कुलखेत, जेबला, धरखोला, कोलबरा, घोड़ागाड़, सुनदेव आदि गांवों की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। यहां सिंचाई नहरों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। इधर, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानूमान पर सभी आपदा केंद्रों को अलर्ट किया गया है। बंद सड़कों को खोलने के लिए लोडर मशीनें लगाई गई हैं।
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