मुंबई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कर्ज वृद्धि (Credit Growth) के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि कर्ज की मांग (Loan Demand) कम है. इस दौरान उन्होंने बताया कि कर्ज वृद्धि में मदद के लिए बैंक अक्टूबर 2021 से देश के हर जिले में विशेष अभियान चलाएंगे. कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकार की ओर से घोषित प्रोत्साहन पैकेजों (Stimulus Package) से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को मिली रफ्तार को ऐसे सक्रिय प्रयासों से मदद मिलेगी.
‘बैंकों ने निश्चित समय में बांटे 4.94 लाख करोड़ के कर्ज’
बैंकों ने कर्ज वृद्धि के लिए साल 2019 के आखिर में देश के 400 जिलों में कर्ज मेले लगाए थे. फिलहाल कर्ज वृद्धि दर करीब 6 फीसदी चल रही है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि संकेतों का इंतजार किए बिना भी हमने कर्ज वृद्धि के लिए कदम उठाए हैं. यह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी कि कर्ज की मांग में कमी है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2021 के बीच बैंकों की ओर से सक्रिय पहल के जरिये 4.94 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बांटा गया है. वहीं, अब अक्टूबर 2021 में भी देश के हर जिले में कर्ज देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. सरकार ने घोषणा की है कि एनबीएफसी-एमएफआई के जरिये जरूरतमंदों को 1.5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा.
‘बैंकों से आगे बढ़कर कर्ज देने के लिए कहा गया है’
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रोत्साहन की गति को बनाए रखने के लिए बैंकों से आगे बढ़कर कर्ज देने के लिए कहा गया है. देश के पूर्वी हिस्सों में झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में कर्ज वृद्धि में तेजी लाने की जरूरत है. इन क्षेत्रों में लोग चालू और बचत खातों (CASA) में प्रमुखता से पैसा जमा कर रहे हैं. बैंकों को पूर्वोत्तर राज्यों में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और निर्यातकों की मदद के लिए राज्यवार योजनाएं बनाने को भी कहा गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) प्रमुखों के साथ मुंबई की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बैंकों से जिलास्तर पर निर्यातकों की समस्याओं का समाधान करने को भी कहा गया है. इसके अलावा बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र (FinTech Sector) की मांगों पर भी गौर करने को कहा गया है.
Recent Comments