चम्पावत/लोहाघाट : आशा वर्कर्स का कार्य बहिष्कार मंगलवार को 23वें दिन भी जारी रहा | इस दौरान उन्होंने कलक्ट्रेट समेत तहसील मुख्यालयों में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लंबे समय से आंदोलन कर रही आशाओं ने अब सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति में बदलाव का निर्णय लिया है। संगठन की जिलाध्यक्ष सरोज पुनेठा ने बताया कि आशाएं सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी |
चम्पावत कलक्ट्रेट में संगठन की ब्लाक अध्यक्ष रुक्मणी जोशी एवं जिला उपाध्यक्ष हेमा जोशी के नेतृत्व में आशाओं ने धरना दिया। ब्लाक उपाध्यक्ष पुष्पा बिष्ट, संगीता प्रहरी, हेमंती जोशी आदि ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण आशाओं को मानसिक कष्ट झेलना पड़ रहा है। सरकार के रवैये से न केवल आशाएं बल्कि उनके स्वजन भी परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानी गई तो सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
वक्ताओं ने न्यूनतम मानदेय 21 हजार करने, सेवानिवृत होने पर पेंशन का प्रावधान करने, कोविड कार्य में लगी सभी आशा वर्कर्स को 10 हजार रुपये मासिक भत्ते का भुगतान करने, पचास लाख का जीवन बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करने सहित 12 सूत्रीय मांगें दोहराई। इस मौके पर तनुजा पांडेय, बसंती देवी, उमा जोशी, सीता चौधरी, नीलू महर, मंजू भट्ट समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहीं। लोहाघाट में भी आशाओं ने धरना प्रदर्शन जारी रखा। रीता सिंह, पदमा प्रथोली, रेखा पुजारी, चम्पा राय, रीना सिंह, हेमा जोशी, पार्वती देवी, पुष्पा बोहरा आदि ने सरकार पर आशाओं की अनदेखी का आरोप लगाया। टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य गेट में आशाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लीला नेगी, बबीता भट्ट, शकुंतला भंडारी, जानकी देवी, मंजू चंद, मीना चंद, प्रमिला सिंह सहित दर्जनों आशाएं मौजूद रहीं।
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