देहरादून, अपनी मांगों को लेकर आंदोलित ऊर्जा कर्मी कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के साथ हुए समझौते पर कोई कार्रवाई न होने से खफा हैं। उन्होंने 15 दिन के भीतर कोई सकारात्मक कार्रवाई न होने पर फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की एक सभा गुरुवार को उज्ज्वल कमेटी रूम में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रदीप कंसल और संचालन संयोजक इंसारूल हक ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से बीते 27 जुलाई को हड़ताल और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुए समझौते के पालन को लेकर चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि 15 दिन की समय सीमा जो निगम स्तर की मांगों के निस्तारण को निर्धारित की गई थी। उसमें कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में इसे लेकर एक पत्र ऊर्जा मंत्री को मोर्चे की ओर से भेज दिया गया है।
बैठक में अमित रंजन, कार्तिकेय दुबे, पंकज सैनी, भानु जोशी, भगवती प्रसाद, केहर सिंह, विनोद कवि, राकेश नेगी, नत्थू सिंह रवि, अशोक जोशी, सोहनलाल शर्मा के साथ ही स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत कार्यरत पांच जिलों के प्रतिनिधियों ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को भी समस्याओं से अवगत कराए जाने की बात कही। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि तय समय सीमा में 14 सूत्रीय मांगों का निराकरण न होने की स्थिति में 27 अगस्त से दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
इसके बाद मोर्चे का प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक व ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक से भी मिला। इस दौरान उन्हें मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन मिला। उन्हें बताया गया कि शासन स्तर की समस्याओं पर भी अनुश्रवण उनके स्तर से किया जा रहा है।
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