देहरादून , भारत के प्रमुख फाइनेंशियल सर्विसेज प्लेटफॉर्म पेटीएम ने आज घोषणा की है कि इसने देश में डिजिटल फाइनेंशियल पेमेंट्स का एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है और इसके द्वारा 2 करोड़ से ज्यादा व्यापारियों और 33 करोड़ यूजर्स को सशक्त बनाया है। इस कंपनी ने गुजरते वर्षों के साथ करोड़ों परिवारों को डिजिटल पेमेंट्स से सक्षम बनाया है। पेटीएम ने लाखों स्ट्रीट-वेंडर्स, छोटे दुकानदारों, मिठाई की दुकान के मालिकों के डिजिटल पेमेंट्स की क्रांति में शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिये उसने पेमेंट प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की सबसे व्यापक रेंज पेश की है, जैसे पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम ऑल-इन-वन पीओएस, पेटीएम साउंडबॉक्स, आदि। इसकी सेवाओं ने जन-साधारण के बीच डिजिटल पेमेंट्स पर भरोसा अर्जित करने में मदद की है और सरकार की ‘आत्मनिर्भर डिजिटल भारत’ पहल को आगे बढ़ाया है।
पेटीएम ने देश में टेक्नोलॉजी का मजबूत बुनियादी ढांचा निर्मित किया है। यह कंपनी डिजिटल गाँवों के निर्माण और विस्तार के पीछे की ताकत रही है। इस कंपनी ने वहाँ के व्यापारियों को प्रशिक्षित किया है और ऑनलाइन लेन-देन की तीव्र वृद्धि में मदद की है।
पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर व्यापारियों को शून्य प्रतिशत शुल्क पर सीधे अपने बैंक खाते में असीमित पेमेंट्स लेने की समर्थता देता है। यह एकमात्र क्यूआर है, जिसके द्वारा व्यापारी पेटीएम वालेट, रूपे कार्ड्स, पेटीएम यूपीआई और सभी अन्य यूपीआई एप्स से बिना किसी परेशानी के पेमेंट्स ले सकते हैं। इस प्रकार सभी पेमेंट्स के लिये केवल एक क्यूआर कोड रखने की सुविधा मिलती है और सेल्स काउंटर पर भीड़ कम होती है।
पेटीएम ऑल-इन-वन पीओएस को एमएसएमई और बड़े रिटेलरों के बीच भी लोकप्रियता मिली है। इसका कारण यह है कि इसमें पेटीएम ऑल-इन-वन क्यूआर, पेटीएम फॉर बिजनेस ऐप्प, डेबिट और क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करने की सुविधा, टच स्क्रीन, प्रिंटर, सिम कार्ड, आदि फीचर्स हैं। व्यापारी जीएसटी-कॉम्प्लाएंट बिल जनरेट कर सकते हैं, अपने रोजाना के लेन-देन और स्टोर की इनवेंटरी को मैनेज भी कर सकते हैं।
पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, “व्यापारी देश की रीढ़ हैं और हम पेमेंट्स तथा डिजिटल सर्विसेज की सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी से उन्हें सशक्त करने के मिशन पर हैं। पूरे देश में अपनी सेवाओं के विस्तार के हमारे प्रयास जारी हैं, जो ज्यादा से ज्यादा छोटे कस्बों और गाँवों को सशक्त कर रहे हैं और उन्हें पूरी तरह से डिजिटली सक्षम बना रहे हैं।”
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