देहरादून, उत्तराखण्ड़ की राजधानी देहरादून के सुप्रसिद्ध ब्रांड ‘आनंदम’ ने हाल ही में अपनी 120 साल की विरासत पूरी की । वर्ष 1901 में घी के कारोबार से शुरू हुआ यह सफर आज भी निर्बाध गति से जारी है, आनंदम की विरासत की शुरुआत सुमित के परदादा गद्दारमल गणेशी लाल से हुई बाद मेंउनके दादा लाला प्रह्लाद स्वरूप गुप्ता, जिन्हें प्रह्लाद रेवाड़ी वाले के नाम से भी जाना जाता है, वे बेहतरीन रेवाड़ी और गजक बनाने के लिए प्रसिद्ध थे।
वर्ष1974 में सुमित के पिता आनंद स्वरूप गुप्ता ने ‘गुप्ता स्वीट्स’ की नींव रखी। गुप्ता परिवार की चौथी और वर्तमान पीढ़ी सुमित खंडेलवाल ने अपने परिवार के नक्शेकदम पर चलते हुए इस विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने दिन रात मेहनत कर 2009 में आनंदम के रूप में अपने सपने को आकार दिया।
वर्षों से आनंदम अपने ग्राहकों को अतुलनीय गुणवत्ता की पेशकश देता आया है और देखते ही देखते देहरादून शहर में सबसे लोकप्रिय आउटलेट में से एक के रूप में उभरा है। बेजोड़ विरासत के 120 साल पूरे करने के अवसर पर, आनंदम को चलाने वाली वर्तमान पीढ़ी के मुखिया सुमित खंडेलवाल ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे यह ब्रांड पूरे देश में खुशियां की लहर फैलता आ रहा है। वीडियो के बारे में बताते हुए, सुमित ने कहा, “आनंदम के अस्तित्व के 120 साल पूरे होने पर हम एक ऐसा वीडियो जारी करना चाहते थे, जिसमें आनंदम को इस मुकाम पर पहुंचाने के पीछे उन सभी महारथियों की कहानी दर्शायी जा सके। हम उत्तराखंड और पूरे देश भर के उन सभी वासियों के तहे दिल से आभारी हैं जिन्होंने हमें इतना प्यार दिया और इस मुकाम तक पहुंचाया।”
जब से आनंदम का वीडियो ऑनलाइन जारी किया गया है, यह काफी चर्चित हो गया है और इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपार मान्यता मिली है। वीडियो के माध्यम से दर्शकों को देहरादून शहर के खूबसूरती और गुप्ता स्वीट्स को आनंदम में तब्दील होने के अंतर्दृष्टिपूर्ण सफर के बारे में बताया गया है, इस गौरवपूर्ण क्षण के वीडियो को 10 दिनों में सोशल मीडिया पर 3.5 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।
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