शिशु को बचाती है मां के दूध में मौजूद एंटीबाडी : डा. सुमिता प्रभाकर
देहरादून, कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन ने स्तनपान के महत्व पर आमजन को जागरूक किया। इस मौके पर वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. सुमिता प्रभाकर ने माताओं से अपने नवजात को स्तनपान कराने की अपील की। सीएमआई अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में डा. सुमिता ने कहा कि प्रसव के पहले घंटे के भीतर नवजात शिशु को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। छह माह की अवधि के लिए विशेष स्तनपान को अपनाएं और लगभग दो साल तक बच्चे के आहार में इसे शामिल करें।
उन्होंने कहा कि मां के दूध में बच्चे के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए पोषक तत्वों का सही मिश्रण होता है। यह सही तापमान पर उपलब्ध होता है और बच्चे की आंत में आसानी से पच जाता है। दूध में मौजूद एंटीबाडी बच्चे को संक्रमण, एलर्जी, अस्थमा और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से बचाती है। जिससे नवजात और शिशु मृत्यु दर में कमी आती है। इस अवसर पर डा. अपूर्व जैन, डा. विनीता, डा. पूजा, डा. दीपिका आदि उपस्थित रही |
स्तन कैंसर का खतरा कम
डा. सुमिता ने कहा कि स्तनपान महिलाओं में कार्सिनोजेनेसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है और स्तन कैंसर के खिलाफ जरूरी सुरक्षा प्रदान करता है। विभिन्न अध्ययनों ने साबित किया है कि जो माताएं स्तनपान कराती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।
धात्री महिलाओं के लिए सुरक्षित है वैक्सीन
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को टीका लगाया जा रहा है। जिसकी जागरूकता के लिए कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन आनलाइन माध्यम से प्रचार-प्रसार कर रहा है। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इससे किसी भी तरह का खतरा नहीं है |
संक्रमण के दौरान भी सुरक्षित है मां का दूध
कोविड-19 महामारी के दौरान भी स्तनपान करवाया जा सकता है। स्तन के दूध के माध्यम से वायरस का संचार नहीं होता है। हालांकि, संक्रमित होने पर मां को नवजात शिशु के बचाव के लिए अत्याधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चे को छूने से पहले और बाद में हाथ धोना, मास्क पहनना और बच्चे के पास न छींकना, सतहों को साफ और कीटाणूरहित रखना आदि सावधानियां बरतनी चाहिए।
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