देहरादून, उत्तराखंड में जैविक खेती ने कृषकों की आर्थिकी को मजबूत किया है। मौन पालन जैसे व्यवसाय भी स्वरोजगार का बेहतरीन जरिया साबित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार कृषि-उद्यानिकी को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने मौन पालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन पर यह बात कही। उन्होंने प्रगतिशील मौन पालकों का हौसला बढ़ाते हुए उनकी तारीफ भी की। प्रत्येक जनपद के चयनित प्रगतिशील मौन पलकों को सम्मानित भी किया गया।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने मौन पालन की संभावना व गुणवत्तायुक्त विषय पर राजकीय उद्यान सर्किट हाउस में संगोष्ठी/प्रदर्शनी आयोजित की। कार्यक्रम का उद्घाटन काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्वलित की किया। उनियाल ने हरिद्वार व देहरादून के उपस्थित मौन पालकों, विभागीय कर्मचारियों व अन्य जनपदों से वर्चुअल जुड़े मौन पालकों का आह्वान किया कि प्रदेश को उद्यानिकी के क्षेत्र में उन्नत राज्य बनाने के लिए प्रयास करें।
उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र में खेती जैविक होती है। इसलिए किसानों को राज्य के जैविक उत्पाद परिषद में पंजीकरण कराना चाहिए, इससे उनके उत्पाद के मूल्य में गुणात्मक वृद्धि होती है। उन्होंने कृषि उत्पादन मंडी समिति की तरह उद्यानिक परिषद को भी किसानों व उपभोक्ता के बीच से बिचौलियों को हटाने के लिए सीधे उद्यानिक उत्पादों के खरीद की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। यूनियन ने मौन पालकों के स्टाल भी देखे और मौन उत्पादों की तारीफ की। उन्होंने चमोली जनोड में मौन पालन से संबंधित स्टार्टअप शुरू करने वाले युवकों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर काबीना मंत्री ने देहरादून व हरिद्वार के पांच-पांच व अन्य जनपदों के दो-दो प्रगतिशील मौन पालकों को सम्मानित किया गया ।
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