‘कमेटी के बजाय सीधे शासन के साथ वार्ता के आधार पर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से त्रिपक्षीय वार्ता की लगाई गुहार’
देहरादून, उत्तराखंड के कार्मिकों सरकार की ओर से गठित इंदु कुमार पांडे कमेटी का उत्तराखंड के कार्मिकों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि कमेटी के बजाय सीधे शासन के साथ वार्ता के आधार पर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से त्रिपक्षीय वार्ता की गुहार लगाई है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की रविवार को वर्चुअल बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता ठाकुर प्रहलाद सिंह और संचालन अरुण पांडे ने किया। बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सर्वसम्मति से विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। मांग की कि मुख्यमंत्री अपनी अध्यक्षता में परिषद की मांगों पर समीक्षा व निराकरण के लिए शासन के अधिकारियों की उपस्थिति में परिषद के साथ त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करें, जिससे एसीपी के अंतर्गत 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा के उपरांत पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जा सके, इसके साथ ही पदोन्नति में पूरे सेवाकाल में एक बार शिथिलीकरण, समय से पदोन्नति करना व वाहन भत्ते आदि प्रकरणों पर चर्चा कर समाधान निकाला जा सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 31 अगस्त तक परिषद की समस्त शाखाओं के चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। इसके लिए परिषद के दोनों मंडलों के अध्यक्ष और महामंत्री को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे समस्त शाखाओं के वर्तमान पदाधिकारियों से समन्वय कर मंडल की शाखाओं के चुनाव के लिए एक कैलेंडर निर्धारित करें। इसकी सूचना परिषद के प्रांतीय कार्यकारिणी को ही दी जाए।
जबकि समन्वय मंच के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर समान मुद्दों पर आंदोलन के लिए एक मंच तैयार करने पर सहमति बनी। कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवगठित इंदु कुमार पांडे कमेटी का विरोध किया जाएगा। बैठक में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता दिनेश गुसाईं ने रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए परिषद का सहयोग मांगा। बैठक में शक्ति प्रसाद भट्ट, गिरजेश कांडपाल, कुंवर सामंत, हर्ष मोहन नेगी, चौधरी ओमवीर सिंह, तनवीर असगर, चंद्रशेखर सनवाल, मोहन जोशी आदि शामिल हुए।
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