देहरादून, सरकार ने उत्तराखंड के सस्ता गल्ला विक्रेताओं को लांभाश देने की पहल की है, जिससे राज्य में करीब 9200 सस्ता गल्ला विक्रेताओं को अब प्रति कुंतल 50 रुपये लाभांश मिलेगा। वहीं, कोविड से मौत पर दस लाख रुपये एवं आश्रित को सस्ते गल्ले की दुकान मिलेगी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत ने शुक्रवार को विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने विभाग को तत्काल प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की बैठक में लाने के निर्देश दिए।
विधानसभा स्थित कक्ष में श्री भगत विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सस्ता गल्ला विक्रेताओं की समस्याओं को भी सुना। उन्होंने कहा कि सस्ता गल्ला विक्रेताओं को अब तक चीनी में सात रुपये 28 पैसे और राज्य खाद्य योजना में 18 रुपये प्रति कुंतल लांभाश मिलता है, जिसे बढ़ाकर 50 रुपये प्रति कुंतल करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा निर्णय लिया गया है कि सभी गोदामों पर राशन विक्रेताओं को तोल कर खाद्यान्न दिया जाएगा। इसके लिए हर गोदाम में इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाए जाएंगे। बेस गोदामों पर भी बड़े कांटे लगाए जाएंगे। राशन विक्रेताओं को परिवहन मद में भुगतान के लिए केंद्र सरकार से बजट प्राप्त किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि अभी तक तीन महीने के लिए चीनी और खाद्यान्न योजना का खाद्यान्न उपलब्ध है।
सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत ने देहरादून में खाद्यान्न गबन मामले की फाइल तबल की है। बताया गया कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी गोदाम में वर्ष 2018 में खाद्यान्न गबन का मामला सामने आया था। गोदाम से गेहूं व चावल के कई बोरे गायब हो गए थे।
वहीं, अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहे खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत ने एक बार फिर इसी तरह का बयान दे दिया। विधानसभा स्थित कक्ष में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि सस्ते गल्ले की दुकानों में चोरी इसलिए होती है क्योंकि राशन विक्रेताओं को उचित मुनाफा नहीं मिलता। इसलिए वह इधर उधर झांकते हैं। इस कारण हमने उनका लाभांश बढ़ा दिया। वहीं, आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सस्ता गल्ला विक्रेताओं को खाद्यान्न पर लाभांश की दर उत्तरप्रदेश के जमाने से चली आ रही है। बैठक में सचिव सुशील कुमार, अपर सचिव प्रताप सिंह शाह, संयुक्त सचिव पीएस पांगती आदि मौजूद रहे।
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