नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 पर सुझाव देने के लिए डेडलाइन 21 जुलाई तक बढ़ा दी है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय ने इससे पहले 6 जुलाई, 2021 तक प्रस्तावित संशोधनों पर विचार, टिप्पणियां और सुझाव भेजने को कहा था। अब इसे 25 दिन और बढ़ा दिया गया है। इन नियमो पर सुझाव ईमेल आईडी [email protected] पर भेजे जा सकते हैं।
केंद्र सरकार 21 जून को ई-कॉमर्स नियमों में कई बदलावों का प्रस्ताव लाई थी। सरकार इसे अनुचित व्यापार के तरीकों को रोकने की कोशिश के लिए लाए नियम कह रही है। प्रस्तावित नियमों में सरकार ने किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ‘फ्लैश सेल’ बैन कर दी है। खाद्य और उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने 21 जून को जारी अपने बयान में कहा है कि क्लॉज खासकर ‘फ्लैश सेल’ पर लागू होगा, जो कि सॉफ्टवेयर में बदलाव कर फ्रॉड तरीके से एक खास सेलर या सेलर के समूह को फायदा पहुंचाने के लिए आयोजित की जाती है।
प्रस्तावित नियमों में कंस्यूमर ग्रिवांस रिड्रेसल को सख्त बनाने की योजना है। इसके तहत हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को एक चीफ कंप्लायंस अफसर नियुक्त करना होगा. सरकार किसी व्यक्तिगर सेलर के खरीदे गए सामान या सर्विस को डिलीवर न कर पाने की सूरत में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को जिम्मेदार ठहराने का प्रस्ताव रख रही है। इंपोर्टेड सामान के मामले में केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन में ये जानकारी सुनिश्चित करे, जिसमें सामान के बनने का देश भी शामिल हो।
सरकार ने कहा है कि वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री में धोखाधड़ी को रोकने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों से फ्लैश सेल की जानकारी नहीं ली जाएगी। उपभोक्ता से मिली शिकायतों के आधार पर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।source: oneindia.com
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