देहरादून, उत्तराखंड़ के पारंपरिक वाद्ययंत्रों को पहचान दिलाने के लिए दून के वरिष्ठ फिजीशियन डा. केपी जोशी की पहल पर प्रदेशभर में एक बड़ी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। उद्योग विभाग भी इसमें सहयोग करेगा। रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में डा. केपी जोशी ने कहा कि 13 जिलों में छिपी प्रतिभाओं को पहचान दिलाने के लिए प्रतियोगिता होगी।जिसमें अव्वल आने वालों को पुरस्कार देने के साथ ही रोजगार भी दिलाया जाएगा।
प्रथम पुरस्कार 51 हजार, दूसरा 31 हजार और तीसरे पुरस्कार के रूप में 21 हजार रुपये दिए जाएंगे। प्रदेश के प्रत्येक जिले से ऐसी पांच प्रतिभाओं को चिह्नित किया जाएगा। प्रतियोगिता का उद्देश्य मुख्य रूप से दूरस्थ क्षेत्रों से ऐसी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है, जिन्हें अभी तक मौका नहीं मिल पाया है।
उद्यान निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि प्रतिभागी किसी विशिष्ट कला जैसे परंपरागत वाद्ययंत्रों, संगीत, सांस्कृतिक परंपरा, शिल्प एवं कारीगरी से जुड़े होंगे। रिंगाल, लकड़ी, ऊन, नेचुरल फाइबर, ताम्र आदि का काम करते हों। जिला स्तर पर एक समिति बनाई जाएगी, जो ऐसी प्रतिभाओं को विभिन्न माध्यम से चिह्नित कर एवं उनके प्रदर्शन के आधार पर संस्तुति करेगी। प्रत्येक जनपद से पांच प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर भी एक समिति का गठन किया जाएगा, जो जनपदों से पांच-पांच प्रतिभाओं का चयन करेगी |
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