ऋषिकेश, साइकिल क्लब ॠषिकेश के सदस्य रेड राइडर्स के नाम से जाने जाते हैं उनके द्वारा पिछले वर्ष यह साइकिल ग्रुप बनाया गया था तबसे ही लगातार इस ग्रुप के रेड राइडर्स साइकिल से कई जगह भ्रमण कर चुके हैं साथ ही इनके द्वारा पर्यावरण के साथ साथ स्वस्थ रहने के लिये साइकिलिंग करना बहुत ज़रूरी है,
इसका संदेश भी देने का काम किया जाता है, रेड राइडर्स ने आज किमसार जैसे पर्वतीय क्षेत्र में ऋषिकेश, बैराज, कौड़िया गाँव होते हुए पहुँचे जिसकी ऋषिकेश से दूरी 35 किलोमीटर है जिसकी ऊँचाई लगभग 4650 फुट है, रेड राइडर्स के अनुसार किमसार गाँव के लोगों का कहना है कि इससे पहले कोई भी साइकिल से यहॉं नहीं पहुँचा, साइकिल से किमसार पहुँचने पर ग्राम प्रधान बचन सिंह बिष्ट ने सभी राइडर्स का स्वागत किया ।
ऋषिकेश साइकिल क्लब के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि पिछले वर्ष से कोरोना ने पूरे विश्व को हिला रखा है और कोरोना की दूसरी वेब ने तो कई लोगों को हमारे बीच से ऑक्सीजन की कमी के कारण छीन लिया है साथ ही आज हर व्यक्ति को एहसास करा गया कि पेड़ों को काटने से कितने दुष्परिणाम हो सकते हैं और यह भी अहसास करा गया कि पर्वावरण को साफ़ रखना भी हमारी ज़िम्मेदारी है इसके लिये भारत सरकार को ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिये कि सुबह के कुछ समय तक मोटर वाहनों के चलने पर प्रतिबंध हो उस समय केवल व्यक्ति या तो पैदल चले या साइकिल से ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके और भविष्य में लोगों को कृत्रिम प्राण वायु की आवश्यकता ना पड़े, इसीलिये पर्यावरण की रक्षा के संदेश को देने के लिये हमने पिछले वर्ष अनलॉक वन से ही कुछ साथियों के साथ मिलकर साइकिल ऋषिकेश साइकिल क्लब का गठन किया और धीरे धीरे हमने क्लब में राइडरों को जोड़ना शुरू किया आज हमारे क्लब में 21 रेड राइडर्स हैं और हमारे क्लब में 25 साल से 60 साल के सदस्य शामिल हैं जोकि सभी अलग अलग फ़ील्ड से हैं ।
क्लब के सदस्य नीरज शर्मा ने कहा कि हमने रेड राइडर्स के नाम से साइकिल राइड शुरू की, हमारे द्वारा पिछले सा़ल से हमने हरिद्वार, देहरादून डाट काली मन्दिर, देहरादून टपकेश्वर मंदिर, कोडराना, धारकोट, मालाखुंटी, क्यार्की, चीला, कुंजापुरी मंदिर सहित कई जगहों पर साइकिल से यात्रा कर शरीर को स्वास्थ्य रखने का संदेश दिया साथ ही साइकिल के माध्यम से एक टीम वर्क के तहत चलने की प्रेरणा भी देने का काम किया ।
रेड राइडर्स एम्स में नेत्र चिकित्सक डा० नीति गुप्ता ने कहा कि पिछले साल के कोरोना काल से बहुत से लोगों ने साइक्लिंग शुरू की उसी का परिणाम था कि साइक्लिंग करने वाले अधिकतर लोग कोरोना से बचे रहें और आगे भी बचाव करने के लिये मैं इसी वर्ष क्लब से जुड़ी हूँ और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं आज किमसार जैसी ऊँचाई वाली सुन्दर जगह पर साइकिल से पहुँच पाऊँगी, पर यह मैं कर पाई यह सब एक टीम के साथ कर पाना ही सम्भव था, हमें रोज़ कम से कम आधे घंटे साइक्लिंग करनी चाहिये, आज के कोरोना काल में जहां दवा काम नहीं कर रही है वहाँ केवल और केवल आपके अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से ही बचाव सम्भव है ।
सबसे वरिष्ठ रेड राइडर्स सरदार बूटा सिंह ने बताया कि ऋषिकेश साइकिल क्लब से जुड़े मुझे एक वर्ष हो गया है और रोज़ कम से कम ३० किलोमीटर की और अधिक से अधिक १०० किलोमीटर से अधिक तक की राइड हमने की है और इसी का परिणाम स्वरूप है कि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मैं कभी इस उम्र में साइकिल को इतने जुनून से चला पाऊँगा, परन्तु ये सच हुआ ये मेरे लिये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
किमसार में साइकिल से पहुँचने वाले रेड राइडर्स जितेन्द्र बिष्ट, पंकज अरोड़ा, विपिन शर्मा, मनोज रावत, नरेन्द्र कुकरेजा, विपिन बबलू, देवेन्द्र राजपूत, विक्रम शेडगे, राजेश सूद, हरीश दरगन, दिग्विजय तोमर व मनीष मिश्रा टीम में शामिल थे ।
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