नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्रों की मदद के लिये उन्हें आसान शर्तों पर कर्ज देने को लेकर नई योजना पेश की। इसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर समेत स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई) ने एक बयान में कहा, ”एसबीआई ने महामारी के बीच देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन पेश किया है।” बयान के अनुसार, ”इसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े निर्माता, आपूर्तिकर्ता, आयातक, लॉजिस्टिक कंपनी इत्यादि को 100 करोड़ रुपए भौगोलिक स्थिति के अनुसार) तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण को 10 वर्षों में चुकाया जा सकेगा।”
आरोग्यम ऋण विस्तार अथवा आधुनिकीकरण या फिर वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिये लिया जा सकता है। बैंक के अनुसार महानगरों में इस सुविधा के तहत 100 करोड़ रुपये जबकि मझोले और शहरी केंद्रों टियर 2) में 20 करोड़ रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। अन्य छोटे शहरों टियर 3 से टियर 6) में 10 करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि दो करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिये इकाइयों को किसी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसका कारण यह कर्ज क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज सीजीटीएमएसई) गारंटी योजना के तहत आएगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, ”हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पिछले एक साल से देश को महामारी के बीच निर्बाध और अभूतपूर्व सहायता प्रदान कर रही है। कोविड -19 के मद्देनजर उनके योगदान को देखते हुए, हमें उनके लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन लॉन्च करते हुए खुशी हो रही है।”
उन्होंने कहा,” हमें विश्वास है कि यह विशेष ऋण उत्पाद मौजूदा सुविधाओं के विस्तार/आधुनिकीकरण और नई सुविधाओं के निर्माण को सक्षम बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसके जरिये हमारा प्रयास पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।” उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिये राहत उपायों की घोषणा करते हुए पिछले महीने की शुरूआत में कहा था कि 50 हजार करोड़ रुपये का नकदी समर्थन बैंकों को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन विनिर्माताओं, टीके के आयातकों/आपूर्तिकर्ताओं और चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं, अस्पताल समेत अन्य को आसान शर्तों पर नया कर्ज दे सके।
Recent Comments