उत्तरकाशी, हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान ‘जाड़ी’ उत्तराखण्ड़ में पारिस्थितकी तंत्र की पुनर्बहाली के लिये विभिन्न अभियान चला रहा है। अभियानों की सीख की इस कड़ी में संस्थान ने पारंपरिक बीजों के संरक्षण व उपलब्धता के लिये बीज दान अभियान का शुभारंभ किया। अभियान का शुभारम्भ आज जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री मयूर दीक्षित ने कलेक्ट्रेट परिसर में हर्षिल की राजमा का बीज दान कर किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि ये वास्तव में अच्छा व यूनिक प्रयास है जो जैव विविधता के संरक्षण के लिए बहुत आवश्यक है। बीज सरक्षण के साथ साथ पारम्परिक खेती करने वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
बीज दान अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जाड़ी संस्थान विभिन्न संगठनों, पंचायतों, स्कूलों व सरकार के साथ मिलकर वर्ष 2017 से बीज बम अभियान चला रहा है। अभियान का विस्तार आज उत्तरकाशी से देश के 15 से अधिक राज्यों में हो गया है।
अभियान के दौरान देशी जेनेटिक बीजों की कमी को देखा है और कई फ़सलों जिसमें मोटा अनाज, सब्जियों व दालों के बीज खत्म हो रहें है, जो पारिस्थितकी तंत्र के लिये शुभ संकेत नहीं है।
बीजों के संरक्षण, संग्रहण व खेती के लिये हमने तय किया कि उत्तराखण्ड के साथ साथ देश के हिमालयी राज्यों में यात्रा, पद यात्रा कर बीज दान अभियान चलाया जाएगा। बीज दान अभियान की टीम गावँ गावँ, घर घर से बीजों को भिक्षा में मांगेगी एवं भिक्षा मे प्राप्त बीजों का बीज बैंक तैयार कर उन में से कुछ बीजों को बीज बम बनाने में प्रयोग किया जाएगा एवं कुछ बीज को किसानों को खेती के लिये उपलब्ध करवायेंगे। किसानों के द्वारा फसल उगाने के बाद जितना बीज हम किसानों को देगें उसका दोगुना बीज किसानों से वापस बीज बैंक में जमा करने हेतु भी प्रेरित किया जाएगा । बीज बैंक में बीजों व बीज दान करने वाले किसानों का द्स्तवेजीकरण किया जायेगा।
आज बीज दान अभियान शुभारम्भ कार्यक्रम का संचालन रिलायंस फाउंडेशन के श्री कमलेश गुरुरानी ने किया।
कार्यक्रम मे प्लान इंडिया के गोपाल थपलियाल, उपला टकनोर जन मंच के अध्यक्ष माधवेन्द्र रावत, ग्राम प्रधान हरसिल दिनेश रावत, संकल्प सामाजिक संस्थान की शान्ति परमार, रेणुका समिति के प्रान्जवल उनियाल, मंगल यूथ फाउंडेशन के वीरेन्द्र राणा, तरुण सामाजिक संस्थान के नागेंद्र दत्त, बेटी संगठन शिरोर से अंकिता रावत, नेहा, रिया रावत, मनीषा एवं शिक्षक नरेश बिजलवान, गंगा बहुगुणा आदि मौजूद रहे।
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