Friday, November 22, 2024
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कुंभ : कोविड जांच का फर्जीवाड़ा : मैक्स सर्विस, लाल चंदानी और नलवा लैब पर दर्ज हुआ मुकदमा

‘पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि उनके आधार और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हरिद्वार महाकुंभ में कोविड-19 की रैपिड एंटीजन टेस्टिंग करने में किया गया है’

हरिद्वार, आस्था का महाकुंभ सही सलामत निपट गया परन्तु अपने पीछे कोविड टेस्टिंग का बड़ा घपला छोड़ गया और विपक्ष को बैठे बिठाये मुद्दा दे गया, अब हरिद्वार महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में घपले के आरोप में स्वास्थ्य विभाग ने तीन लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हरिद्वार के सीएमओ की तहरीर पर पुलिस ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, हिसार की नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्रल दिल्ली की डॉक्टर लाल चंदानी लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मैक्स काॅरपोरेट कोविड नमूनों का कलेक्शन सेंटर था जबकि नलवा लेबोरेट्रीज और डॉक्टर लाल चंदानी लैब ने सैंपलों की जांच की थी |

 

हरिद्वार के सीएमओ डॉ. शंभू कुमार झा ने गुरुवार नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि उनके आधार और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हरिद्वार महाकुंभ में कोविड-19 की रैपिड एंटीजन टेस्टिंग करने में किया गया है, लेकिन उन्होंने कभी न तो कोई सैंपल दिया और न ही वह कुंभ में हरिद्वार गए थे। आईसीएमआर ने यह शिकायत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भेजी। शिकायत में रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्शन सेंटर का नाम मैसर्स मैक्स काॅरपोरेट सर्विस, कुंभ मेला अंकित किया गया है। वहीं, जिस लैब में शिकायतकर्ता का सैंपल जांचा गया था, वह हिसार स्थित नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तहरीर में कहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद अपर निदेशक/चीफ ऑपरेशन ऑफिसर उत्तराखंड कंट्रोल रूम कोविड-19 की ओर से जांच के आदेश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच कराई। जांच के दौरान मैक्स कंपनी से सैंपल कलेक्ट करने वाले कर्मचारियों के मोबाइल नंबर मांगे गए। कंपनी की ओर से दिए गए नंबरों पर जब विभागीय अधिकारियों ने बात की तो नंबर फर्जी निकले। नंबरों पर जिन लोगों से बात हुई उनका न तो कलेक्शन सेंटर मैक्स सर्विस से कोई संबंध था और न ही जांच करने वाली नलवा लैब और डॉ. लाल चंदानी लैब से। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि संबंधित फर्म ने सैंपल कलेक्टर (कर्मियों) की एंट्री भी फर्जी दर्शाई है। इससे वर्तमान में लागू आपदा अधिनियम और महामारी अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन हुआ है। दूसरे राज्यों में की गई फर्जी एंट्री कोरोना जांच के लिए श्रद्धालुओं का सैंपल लेने के दौरान कंपनी और लैब कर्मियों को जियो टैगिंग भी करनी थी। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि अधिकांश एंट्री जनपद से बाहर राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरों से की गई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि मैक्स काॅरपोरेट सर्विस, नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और डॉक्टर लाल चंदानी लैब की ओर से फर्जी एंट्री की गई।

सीएमओ ने तहरीर में लिखा है कि मैक्स काॅरपोरेट सर्विस, नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और डॉक्टर लाल चंदानी लैब ने देश और प्रदेश में गलत तथ्य प्रस्तुत किए। इससे आंकड़ों में भ्रांति हुई। इनकी ओर से कोविड महामारी में मानव जीवन को गंभीरता से नहीं लेते हुए हानि पहुंचाने का कृत्य किया गया है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 53, 120 बी मतलब किसी साजिश में शामिल होना, धारा 188 आदेशों का उल्लंघन, धारा 269 गैर जिम्मेदाराना काम, धारा 270 अपराध के लिए सजा, धारा 420 धोखाधड़ी, धारा 468 छल से दस्तावेज तैयार करना, धारा 471 कूट रचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख को असली दर्शाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

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