मसूरी। रूड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बातरा का मास्क न पहनने पर एसआई नीरज कठैत के चालान करने पर बौखलाये विधायक ने एसआई का स्थानातंरण करवा दिया जिससे मसूरी वासियों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि कानून का पालन करवाने पर सजा देना निदंनीय है ऐसे में पुलिस का मनोबल गिरेगा व अराजकता का माहौल कायम होगा। मसूरी टेªडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन दिया वहीं शहर कांग्रेस ने शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता व कोरोना वारियर यश गुप्ता ने कोरोना संक्रमण मेें किए गये सहयोग पर उन्हें मिले प्रशस्तिपत्र व सम्मान को उन्होने विरोध स्वरूप एसडीएम को लौटा दिया।
मसूरी टेªडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्य मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा है कि भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा का मास्क नहीं पहनने पर दारोगा नीरज कठैत के चालान काटने पर एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने दारोगा नीरज कठैत का तबादला कालसी थाने में करने का आदेश जारी किए। कोरोना संक्रमण के समय लॉक डाउन व् कर्फ्यू के कायदे व् कानून सभी पर एक समान प्रभावी है चाहे वह देश का आम नागरिक हो या कोई विधायक। विधायक के इस सम्पूर्ण घटनाक्रम की व्यापार संघ घोर निन्दा करते है व ऐसी कार्यवाही से ना सिर्फ पुलिस कर्मियों का मनोबल टूटता है बल्की पुलिस कर्मियों के आत्मविश्वास को भी धक्का लगता है।
व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि कानून सब के लिये बराबर हैं पर विधायक को ये बात समझ नहीं आई। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस के अधिकारी, सत्ता में बैठे नेताओं द्वारा उनके व्यक्तिगत हितों को पूरा करने के लिए डाले जाने वाले दबाव के बीच, कुछ ठोस निर्णय कैसे ले पायेंगेे। ऐसी घटनाएं स्पष्ट अंकित करती हैं कि कुर्सी पर बैठे जनसेवक न तो स्वयं ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं और न ही इन अधिकारियों को करने दे रहे हैं। पुलिस के कामकाज में राजनीतिक दखल नहीं रुक रहा है। पुलिस, अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाती। इसकी मूल वजह नेताओं का दबाव है। इसलिए पुलिस प्रशासन को दबाव मुक्त बनाया जाना चाहिये। सरकार को चाहिए कि पुलिस प्रशासन को राजनीतिक दबाव से अलग कर, स्वतंत्र कार्य करने की छूट दे, ताकि पुलिस बेहतर तरीके से काम कर सके। पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए जनता का सहयोग लिया जाना चाहिए। जनता को भी जागरूक होना चाहिए और पुलिस भी अपना काम ईमानदारी से करे। पुलिस में पोस्टिंग, तबादले एवं चयन प्रक्रिया को राजनीति से मुक्त बनाने की आवश्यकता है। ज्ञापन देने वालों में रजत अग्रवाल, जगजीत कुकरेजा, नागेंद्र उनियाल, मनोज अग्रवाल, सतीश जुनेजा, अरविंद सोनकर, रामू भाई, सोनू भाई आदि शामिल थे।
वहीं दूसरी ओर शहर कांग्रेस ने शहीद स्थल पर एसआई नीरज कठैत के स्थानानंतरण के विरोध में धरना दिया व प्रदर्शन किया भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाजपा का विधायक का यह कृत अति निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सत्ता का इस तरह दुरूपयोग भाजपा की घटिया मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ऐसी संस्कृति नहीं रही। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल डीजीपी से मिलने जायेगा। उन्होंने कहा कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब तत्कालीन पुलिस कमीश्नर किरन बेदी ने उनका चालान काटा जिस पर उन्हांेने चालान भुगता व उनके कार्य की सराहना की। लेकिन भाजपा के विधायक बत्तरा ने चालान काटने से नाराज होकर गुस्से में पैसे फेंके जो कि उनके व्यवहार को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में पुलिस कैसे कार्य करेगी। पुलिस को निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए। वहीं जब लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मसूरी आये तो उनकी गांडी का मालरोड पर तत्कालीन कोतवाल ने चालान किया लेकिन इतने बड़े पद पर होने के बाद उन्होंने कोतवाल के कार्य की सराहना की व चालान भुगता तथा कहा कि ऐसे अधिकारियों पर देश को नाज होता है। इस मौके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अ्रग्रवाल, विनोद सेमवाल, भगवान सिंह धनाई, सभासद नंद लाल सोनकर, दर्शन रावत, गौरव सोनकर, सेमुअल चंद्र, मौ शाहरूख सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता यश गुप्ता ने गत वर्ष कोरोना संक्रमण में किए गये सहयोग के लिए मिले प्रशस्ति पत्र व सम्मान को एसआई नीरज कठैत के स्थानातंरण के विरोध में एसडीएम कार्यालय जाकर वापस किया है। उन्होंने कहा कि जो पुलिस अधिकारी कोरोना संक्रमण में सरकारी गाइड लाइन का पालन करवाने के लिए तैनात था उन्होंने अपनी डयूटी निभाते हुए मास्क न पहनने पर रूड़की के विधायक प्रदीप बत्तरा का चालान किया जिस पर उन्होंने एसआई नीरज कठैत के साथ अभद्रता की व अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए उनका स्थानातंरण करवा दिया।
इस कृत की जितनी आलोचना की जाय कम है। ऐसे में पुलिस कर्मियों का मनोबल टूटेगा। इस घटना के विरोध में वह कोरोना योद्धा के रूप में जो सम्मान व प्रशस्ति पत्र विभिन्न संसथाओं ने दिए उन्हें एसडीएम को वापस किया है। वहीं मांग की कि उनका स्थानातंरण निरस्त कर उन्हें मसूरी वापस बुलाया जाये अगर उन्हें वापस भेजा जाता है तो वह अपना सम्मान वापस ले लेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने भी भाजपा विधायक के इस व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की व कहा कि भाजपा के लोग सत्ता के नशे में चूर होकर अधिकारियों पर अनैतिक दबाव बनाकर अपने प्रभाव का दुरूपयोग कर रहे हैं। इससे भाजपा का असली चेहरा व उनकी रीति नीति सामने आ गई है।
उन्होंने मांग की कि सरकारी मुद्रा फेंकने वाले व पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले ऐसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए व अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करने वाले एसआई नीरज कठैत का तबादला वापस लेना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी एसआई नीरज कठैत के स्थानातंरण पर विरोध व्यक्त किया व रूडकी विधायक प्रदीप बत्तरा के कृत की कड़ी निंदा की। आम आदमी पार्टी ने एसडीएम को ज्ञापन देकर घटना की निंदा की व कहा कि एसआई कठैत अपनी डयूटी ईमानदारी से कर रहे थे उन्होंने भाजपा विधायक के मास्क न पहनने पर चालान किया जिस पर उन्होंने उनके साथ अभद्रता की व उनका स्थानांतरण करवा दिया। इस घटना की जितनी निंदा की जाय कम है। उन्होंने विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
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