उत्तराखंड क्रान्ति दल ने प्रदेश सरकार पर देवस्थानम बोर्ड के नाम पर प्रदेश की जनता व तीर्थ पुरोहितों को गुमराह करने का आरोप लगाया । उक्रादं का कहना है एक ओर सरकार के मुखिया तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुये देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की बात कह रहे है वहीं दूसरी ओर सरकार देवस्थानम बोर्ड का विस्तार कर रही है यही नहीं सरकार के धर्मस्व मंत्री व देवस्थानम बोर्ड के उपाध्यक्ष बोर्ड को यथावत रखने की बात कर रहे है जिससे सरकार की मंशा पर शंका उत्तपन्न हो रही है।
उक्रादं के निवर्तमान केन्द्रीय प्रवक्ता देवेन्द्र चमोली का कहना है कि सरकार द्वारा जिस तरह आनन फानन में देवस्थानम बोर्ड गठन कर वर्षों से चली आ रही धार्मिक परंम्पराओं को ताक पर रख उत्तराखंड के देव धामों का सरकारी करण करने का प्रयास किया गया ओर अब इन देव धामों को पूंजीपतियों के हाथों सौपने का प्रयास किया जा रहा है देव भूमि की धार्मिक विरासत पर कुठाराघात है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अनंत अंबानी को बोर्ड में सदस्य नामित करना भविष्य में सरकार द्वारा धामों के निजीकरण करने की मंशा दिखाई दे रही है। देवस्थानम बोर्ड मे अनंत अंबानी को सदस्य नामित करने से स्पष्ट होता है कि सरकार हमारे मठ मंदिरों को पूंजीपतियों के हाथों सौपने को आमादा है व तीर्थ पुरोहितों व हक हकूक धारियों के हकों पर डाका डालने पर तुली है।
उक्रांद नेता ने कहा कि पहले त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने विना तीर्थ पुरोहितों, हक हकूक धारी व चार धामों से जुड़े लोगों से राय मशविरा के विना ही देवस्थानम बोर्ड बनाकर उत्तराखंड के तीर्थों पर सरकार का अधिपत्य स्थापित किया व अब तमाम विरोधों के बाद वर्तमान सरकार पूजीपतियों को सौपने की तैयारियों में है । जाने माने उद्योग पति अनिल अंबानी के वेटे अनंत अंबानी को देवस्थानम बोर्ड में सदस्य नामित कर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी।
उन्होंने प्रदेश सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुये कहा कि एक ओर स्वयं मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की बात कह रहे है वहीं दूसरी ओर सरकार के धर्मस्व मंत्री सतपाल महराज का देवस्थानम बोर्ड यथावत रखने का वयान आता है इतना ही नहीं सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड में सदस्यों को नामित कर बोर्ड का विस्तार किया जा रहा है जबकि लगातार तीर्थ पुरोहित बोर्ड को भंग कर पूर्ववर्ती ब्यवस्था बनाये रखने को आंदोलनरत है। सरकार का यह कृत्य तीर्थ पुरोहितों व हक हकूक धारियों का खुले आम अपमान है जिसे उक्रादं वर्दास्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहले देवस्थानम बोर्ड पर स्थिति स्पष्ट करे कि बोर्ड यथावत रहेगा कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार कर पूर्व की ब्यवस्था को बहाल किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रान्ति दल देव भूमि उत्तराखंड की पौराणिक धार्मिक ब्यवस्थाओं पर कुठाराघात कतई बर्दाश्त नहीं करेगा व स्थानीय लोगों , तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों को बरकरार रखने व देव धामों के सरकारी करण व पूंजीपतियों के हस्तक्षेप की सरकार की मंशा का डटकर विरोध करेगा।
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