ऋषिकेश, नगर निगम क्षेत्र में एम्स ऋषिकेश और अन्य चिकित्सालय में यदि किसी मरीज की कोरोना से मृत्यु होती है तो उसके मृत्यु प्रमाण पत्र में इस कारण का उल्लेख नहीं किया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में जारी होने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में यह जानकारी शामिल है। पार्षदों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर इस दिशा में कार्रवाई की मांग की।
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जितने भी चिकित्सालय हैं उनसे संबंधित जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र नगर निगम ऋषिकेश जारी करता है। वर्तमान में कई लोग ऐसे हैं, जिनकी एम्स व अन्य चिकित्सालय में कोरोना से मौत हुई है। नगर निगम से जो भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं, उसमें मृत्यु का कारण कोरोना दर्ज नहीं किया जा रहा है, जबकि इस तरह की मृत्यु पर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में मृत्यु प्रमाण पत्र के अंदर इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है,
नगर निगम पार्षद राकेश सिंह मियां, गुरविंदर सिंह गुर्री, मनीष शर्मा, विजय बडोनी ने शुक्रवार को नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल से मुलाकात की। उन्हें पत्र सौंपकर इस समस्या से अवगत कराया। पार्षदों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मृत्यु पर सरकार मृतक आश्रितों को कुछ ना कुछ राहत दे रही है। यदि मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का कारण दर्ज नहीं होता है तो मृतक आश्रित के परिवार को इस तरह की राहत का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। पार्षदों ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति भी नगर आयुक्त को उपलब्ध करायी।
नगर आयुक्त ने इस मामले में सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल को अगली कार्रवाई के लिए अधिकृत किया। उन्होंने बताया कि इस तरह का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने जरूरी है। इसके लिए एक अलग फार्म आवेदक से भरवाया जाएगा, जिस पर आवश्यक जानकारी संबंधित चिकित्सालय से सत्यापित करानी होगी। इसके अतिरिक्त आवेदक से शपथ पत्र भी लिया जाएगा।
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