कोरोना काल में पुलिस फ़ोर्स की कमी देखते हुए तीरथ सरकार ने देहरादून एवं ऋषिकेश मेयर सहित 27 VIP के सरकारी गनर हटाए दिये हैं । हालांकि तकनीकी तौर पर यह निर्णय सही कहा जा सकता है लेकिन अब इसके राजनैतिक निहितार्थ भी निकले जा रहे हैं ।
शासन की समीक्षा बैठक के बाद यह अहम फैसला फैसला लिया गया । वो बात और है कि सियासी गणित में सबसे चौकाने वाला नाम दून महापौर का है जिनकी पुर्व सीएम त्रिवेंद रावत से नजदीकी जगजाहिर है । बहराल जितने मुंह उतनी बातें, अब कोई इसे राजनैतिक स्टंट बता रहा है तो कोई इसे पार्टी में आपसी मतभेद की कार्यवाही , कोई सरकारी प्रक्रिया । खैर इससे अलग हम बताते है उनके नाम जिनकी सुरक्षा वापिस ली गयी है । हालांकि इनमें कुछ के पैड सुरक्षा थी ।
फिलहाल इन 27 व्यक्तियों के गनर हटाए गए …. सुनील उनियाल गामा ( देहरादून मेयर ) अनीता ममगाईं ( ऋषिकेश मेयर ) मधु चौहान ( जिला पंचायत अध्यक्ष ) नवप्रभात ( पूर्व मंत्री ) नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा (उपाध्यक्ष, श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ) धर्मपाल सिंह ( रिटायर्ड बीडीओ ) शमीम आलम (अध्यक्ष, राज्य हज समिति ) अनिल गुप्ता ( व्यवसायी ) हिमांशु कुकरेजा ( कुकरेजा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस ) मूरत राम शर्मा ( उपाध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति कल्याण परिषद ) मनीष शर्मा ( पत्रकार ) अजीत सिंह (अध्यक्ष, रेशम फेडरेशन लिमिटेड ) सुभाष कुमार ( पूर्व अध्यक्ष, विद्युत नियामक अधिकरण ) राजेंद्र सिंह ( सचिव न्याय विभाग ) मठोर सिंह चौहान ( क्षेत्र पंचायत प्रमुख कालसी ) जोत सिंह गुनसोला (अध्यक्ष, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ) आयुष गोड़ ( पत्रकार ) अमीलाल वाल्मीकि (अध्यक्ष, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग ) अमित शर्मा ( पत्रकार ) अखिलेश चंद्र शर्मा (सदस्य, मानव अधिकार आयोग ) राम सिंह मीणा (सदस्य, मानव अधिकार आयोग ) दौलत कुंवर ( राजनेता ) पूजा भाटिया, सुमन देवी, वेद गुप्ता, आकाश यादव, तेजेंद्र सिंह।
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