देहरादून, उत्तराखण्ड़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के व्यक्तियों के टीकाकरण की उचित व्यवस्था नहीं होने पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लिखे पत्र में उन्होंने कोविड-19 टीके की समुचित व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जन सुरक्षा व स्वास्थ्य का उचित ध्यान नहीं रख सकती है तो उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
पत्र में डा हृदयेश ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक के टीकाकरण की व्यवस्था करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के टीकाकरण की घोषणा तो की, लेकिन इसके लिए उचित व्यवस्था नहीं की। 45 और इससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए टीके की दूसरी डोज की समय सीमा चार हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते की गई है। सरकार प्रदेश में टीकाकरण, कोरोना से बचाव को इंजेक्शन व दवाइयां उपलब्ध कराने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है।
अब ब्लैक फंगस बीमारी प्रदेश में दस्तक दे चुकी है। इससे मृत्यु का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इससे बचाव को तेजी से कदम नहीं उठाए जा सके है, डा. हृदयेश ने कहा कि भ्रम और अव्यवस्था के माहौल में जनता खुद को डरा हुआ व असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने सरकार से कोरोना संक्रमित हर नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की मांग की, साथ ही प्रदेश के हर नागरिक का स्वास्थ्य बीमा कराने की पैरवी की है। उन्होंने सरकार को कोरोना संक्रमण को देखते हुये पहाड़ों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया|
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