देहरादून, पहाड़ों की रानी मसूरी मसूरी में निवास करने वाले अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक पद्मश्री रस्किन बांड इस बार कोरोना संकट के चलते अपना जन्मदिन परिवार के साथ ही मनायेंगे, बुधवार को उनका 87वां जन्मदिन है। मालरोड कैंब्रिज बुक डिपो में कोविड कर्फ्यू की वजह से वे इस बार प्रशंसकों से नहीं मिल पाएंगे। वे हर साल बुक डिपो में प्रशंसकों के साथ अपना जन्मदिन मनाते चले आ रहे हैं |
प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक रस्किन बांड का जन्मदिन 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्रे बांड और माता का नाम एरिथ क्लार्के था। वे वर्ष 1963 में मसूरी आकर बस गए थे। यहां छावनी क्षेत्र की खूबसूरती उनके मन को भा गई और मसूरी को अपनी कर्मभूमि बना दिया।
रस्किन बांड आज भी बच्चों के लिए कहानियां लिखने का काम करते हैं। रस्किन बांड सौ से अधिक कहानियां, निबंध, उपन्यास साथ ही तीस से अधिक बाल साहित्य सबंधी पुस्तकें लिख चुके हैं। 17 साल की उम्र में रस्किन बांड ने रूम ऑन द रूफ किताब लिखी थी। इस किताब के लिए उनको जाॅन लेवेलिन इयर्स मेमोरियल पुरस्कार मिला था।
रस्किन के उपन्यास, कहानियों पर कई बॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं। जिनमें प्रमुख रुप से सात खून माफ, जुनून, द ब्लू अंब्रेला सहित कई अन्य फिल्म शामिल हैं। उनको भारत सरकार ने 1999 में पद्मश्री, 1992 साहित्य अकादमी पुरुस्कार, 2014 में पद्मभूषण और 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है।
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