देहरादून, दो महीने से धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन ने बड़ा झटका दे दिया है। अपर मुख्य सचिव मनरेगा मनीषा पंवार ने कर्मचारियों को 15 दिन का समय देते हुए 29 मई तक ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी है।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बीते शुक्रवार को आदेश जारी कर हड़ताल पर बैठे 1294 कर्मचारियों को 15 दिन में ड्यूटी ज्वाइन करने की स्थिति में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से तैनाती देने, मानदेय एनआरएलएम के समकक्ष पदों के बराबर करने और ईपीएफ का 13 फीसद भुगतान करने की सुविधा दी है, लेकिन एनआरएलएम के भांति वेतन देने पर हर वर्ष पांच फीसद वेतन वृद्धि पर रोक लग जाएगी। 29 मई तक सभी कर्मचारियों को उनके कार्यालय स्थल पर रिपोर्ट करने के आदेश भी दिए हैं, ऐसा नहीं होने पर इनकी सेवा समाप्त कर नए लोग को उनके स्थान पर भर्ती करने को कहा है। अपर मुख्य सचिव के इस फैसले से कर्मचारी भड़के हुए हैं।
महात्मा गांधी कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदरमणी सेमवाल ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रही थी। इस बीच शासन द्वारा कर्मचारियों के विरोध में आदेश जारी करना न्यायसंगत नहीं है। कहा कि 15 वर्षों से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। मुख्यमंत्री से जल्द इस संबंध में बात की जाएगी। उधर, धरना स्थल पर 62वें दिन भी कर्मचारियों को विरोध जारी रहा। विरोध जताने वालों में रमेश गडिया, संदीप, रुचि पांडे, प्रवेश पोखरियाल, अनूप नेगी, विजयपाल रावत, अनुज बहुगुणा, मोहित रतूड़ी, संजय, कैलाश समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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