जब देश मे कोरोना के इलाज़ के लिए प्राणवायु ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था तब एक 68 साल के बुजुर्ग ने अपने ऑक्सीजन लेबल को कायम रखने का एक अनोखा तरीका निकाला। वे घर मे लगे पीपल के पेड़ में ही डेरा जमा लिया। पेड़ पर ही बैठ कर वे योग करते है और वही खाना भी खाते है। सुबह शाम मिला कर वे सात से आठ घंटे पीपल के पेड के ऊपर ही बिताते हैं।
इस शख्स का नाम राजेन्द्र पाटीदार निवासी राऊ रंगवासा है। उन्हें पीपल के पेड़ पर आसानी से चढ़ने में महारत हासिल है। पीपल के पेड़ पर रहने में राजेंद्र का पोता भी उसका साथ देता है। पेशे से कृषक राजेंद्र पाटीदार के घर के पास दो से तीन पीपल के पेड़ हैं। जिनमें एक पेड़ उनके घर से सटा हुआ है। जब उन्होंने सुना कि इंदौर में ऑक्सीजन की कमी होने अस्पतालों में कई लोगों की मौत हो गई, तो उन्होंने प्राकृतिक तरीके से ऑक्सीजन लेने की अपनी इस अनूठी विधि को अपनाते हुए पीपल के पेड़ पर जाकर बैठने का फैसला किया।
बीते 15 से 20 दिनों से वे पीपल पर ही डेरा जमा रहे है. राजेंद्रबताते है पीपल पर बैठने से ही उनका आक्सीजन लेवल 99 बना हुआ है। वहीं पेड़ पर चढ़ने और उतरने से भी उनका शरीर फिट रहने के साथ यह दिन भर फुर्ती महसूस करते हैं। इसका श्रेय भी में पीपल के पेड़ को देने से नहीं चूकते हैं। सुबह हो या शाम, जब भी राजेंद्र पाटीदार को पेड़ पर जाना होता है, ये अपनी कुर्सी लेकर पेड़ के ऊपर आसानी से चढ़ जाते हैं। पेड़ पर ही आसन लगाकर शुद्ध ऑक्सीजन लेते हुए कपालभाती प्राणायाम और योग भी कर लेते हैं।
राजेंद्र के पेड़ पर चढ़े रहने के दौरान यदि उनसे कोई बात करना चाहता है तो वह भी पेड़ के ऊपर से ऐसे ही बात करते हैं उनका दावा है कि पीपल के पेड़ के साथ जो लोग प्राण वायु की जुगलबंदी करते हैं उन्हें ना तो कोरोना हो सकता है और ना ही उनका ऑक्सीजन लेवल घट सकता है। उन्होंने बताया उनकी देखा देखी अब गांव के कई बुजुर्ग भी इस तरह के प्रयास को लेकर प्रेरित हो रहे हैं।
यही नहीं राजेंद्र का पोता कनिष्क भी पेड़ पर दादाजी की संगत का साथी बन चुका है। जब भी राजेंद्र पाटीदार पेड़ पर चढ़ते हैं और इन्हें किसी सामान की जरूरत होती है तो कनिष्क उनकी तत्काल मदद करता है।
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