देहरादून, वैश्विक महामारी की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है, इस महामारी के चलते जहां हजारों लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है और लाखों लोग देश भर के अलग-अलग अस्पतालों में जिंदगी मौत की जंग जूझ रहे हैं। वहीं, इस महामारी को लेकर लोगों में तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं। जहां कई लोग ऐसे हैं जो कोरोना बीमारी से संक्रमित होने के बावजूद वायरल बुखार समझकर घर में ही इलाज कर रहे हैं और उनका यह कदम उनके लिए आत्मघाती साबित हो रहा है, कोरोना बढ़ते संक्रमण पर चिकित्सा विशेषज्ञों का साफतौर पर कहना है कि बीमारी को लेकर किसी को भी गफलत में रहने की जरूरत नहीं है।
जैसे ही कोरोना के लक्षण दिखाई दें, तत्काल आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के साथी समय रहते यदि कोरोना बीमारी का इलाज कराया जाए तो व्यक्ति न सिर्फ स्वस्थ हो सकता है वरन उसकी जान भी बच सकती है, वरिष्ठ पल्मोलॉजिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल का कहना है कि यदि बुखार, खांसी, जुकाम के साथ ही गले में दर्द हो और स्वाद खत्म होने के साथ ही सूंघने की क्षमता खत्म हो गई हो तो तत्काल अस्पताल में जाकर आरटी पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए। कारण कि ये सब कोरोना के लक्षण हैं।
साइटोकॉइन स्टॉर्म से हो रही युवाओं की मौत
वरिष्ठ डॉ. अभिषेक जैन का कहना है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में इस बार बड़ी संख्या में युवाओं की मौत हो रही है जो चिंताजनक है। बकौल, डॉ. अभिषेक जैन युवाओं की मौत की असली वजह में साइटोकॉइन स्टॉर्म है। जैसे ही युवाओं में कोरोना संक्रमण फैलता है तो शरीर में रोग प्रतिरोधक तंत्र सामान्य की तुलना में बहुत अधिक तेजी से काम करता है जो युवाओं के लिए घातक साबित हो रहा है। कई युवाओं में देखने को मिला है कि कोरोना संक्रमण के चंद घंटे के भीतर ही उनकी मौत हो गई।
हवा में फैलने की बात निराधार :
वरिष्ठ पल्मोलॉजिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल का मानना है कि कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है। अलबत्ता, उनका यह कहना है कि अस्पतालों में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत होती है वहां वायरस लोड बहुत अधिक रहता है। ऐसे में यदि कोई सामान्य व्यक्ति इन अस्पतालों में जाता है तो उसके कोरोना संक्रमित होने की संभावना बहुत अधिक रहती है। लिहाजा कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को अस्पतालों में जाने से परहेज करना चाहिए।
कोरोना संकट के इस काल में वरिष्ठ पल्मोलॉजिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल और डॉक्टर अभिषेक जैन का मानना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही सामान्य व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काढ़ा कारगर है। लिहाजा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु यह ध्यान रहे कि काढ़ा बहुत अधिक बार और बहुत अधिक मात्रा में नहीं पीना चाहिए।
कोरोना बीमारी के क्या हैं लक्षण
– मरीज को सूखी खांसी, सर्दी के साथ गले में खराश होती है।
– तेज बुखार के साथ ठंड लगती है।
– थकान, मूर्छा के साथ मांसपेशियों और शरीर में दर्द होता है।
– मरीज को सिर दर्द होता है।
– मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है।
– कोरोना संक्रमण बहुत अधिक हो तो मरीज का स्वाद खत्म हो जाता है।
कैसे करें बचाओ :
– बिना मास्क के किसी भी सूरत में घर से बाहर न निकलें।
– प्रयास करें कि घर में रहें, विशेष परिस्थितियों में ही घर से बाहर निकलें।
– भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें।
– सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें।
– हाथों को दिन में बार-बार धोने के साथ ही सैनिटाइज भी करें।
– बीमारी का लक्षण दिखने पर परामर्श लेकर जांच कराएं।
कोरोना संक्रमण के मामले में चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसी अपार्टमेंट या कॉलोनी या फिर पड़ोस में किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हो गया है तो बहुत अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। यदि कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज अपने घर में आइसोलेट है तो अपार्टमेंट या पड़ोस में रहने वाले लोगों के लिए कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। यदि संक्रमित मरीज अपने घर में निर्धारित चिकित्सकीय मानकों के अनुरूप आइसोलेट में रहेगा, तो इससे बीमारी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही आसपास के लोगों में फैलने की संभावना न के बराबर होती है।
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