नई दिल्ली, देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का निधन हो गया है। वह 91 साल के थे। कई दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। सोराबजी को कोरोना संक्रमण था या नहीं, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। परिवार की तरफ से अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं जारी किया गया है। बता दें कि सोली सोराबजी का पूरा नाम सोली जहांगीर सोराबजी था।
जानकारी के अनुसार वरिष्ठ वकील, पूर्व अटॉर्नी जनरल और पद्म विभूषण सोली सोराबजी का निधन आज सुबह हुआ है। वह 1989 से 90 और फिर 1998 से 2004 तक देश के अटॉर्नी जनरल थे। सोली सोराबजी का जन्म 1930 में बॉम्बे में हुआ था। वह 1953 से बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। 1971 में सोली सोराबजी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर काउंसिल बन गए। वह दो बार भारत के अटॉर्नी जनरल रहे। पहली बार 1989 से 90 और दूसरी बार 1998 से 2004 तक वह अटॉर्नी जनरल रहे।
सोली सोराबजी की पहचान देश के बड़े मानवाधिकार वकील में होती है। यूनाइटेड नेशन ने 1997 में उन्हें नाइजरिया में विशेष दूत बनाकर भेजा था, ताकि वहां के मानवाधिकार के हालत के बारे में पता चल सके। इसके बाद, वह 1998 से 2004 तक मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर UN-Sub Commission के सदस्य और बाद में अध्यक्ष बने।
सोली सोराबजी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बड़े पक्षधर रहे थे। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कई ऐतिहासिक मामलों में प्रेस की स्वतंत्रता का बचाव किया है और प्रकाशनों पर सेंसरशिप आदेशों और प्रतिबंधों को रद्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मार्च 2002 में उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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