बागेश्वर। कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जारी गाइडलाइन से टैक्सी चालक परेशान हो गए हैं। उन्हें औसतन 50 प्रतिशत यात्री ही वाहन में बैठाने हैं और किराया दोगुना लेना है, लेकिन यात्री अब दोगुना किराया देने से कतराने लगे हैं। इससे टैक्सी चालकों के सामने संकट पैदा हो गया है। टैक्सी स्टैंडों पर सन्नाटा पसरने लगा है। कोरोना की दूसरी लहर चलने के बाद शासन से मिले आदेशों का पालन करने में जिला प्रशासन जुटा हुआ है। वाहन स्वामियों को भी सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दस सवारी पास टैक्सी में पांच यात्री ही बैठ सकेंगे।
जबकि केएमओयू की बसों में भी ऐसी ही स्थिति है। केएमओयू बस संचालक हल्द्वानी तक का 560 रुपये ले रहे हैं, लेकिन टैक्सी में एक हजार रुपये से अधिक किराया है। इसके कारण यात्री केएमओयू की बसों का लंबा इंतजार कर रहे हैं। टैक्सी यूनियन महासंघ के कुमाऊं मंडल सचिव प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि जिले में लगभग 555 टैक्सियां संचालित होती हैं।
टैक्सियां हल्द्वानी, अल्मोड़ा आदि स्थानों के अलावा गांवों को जोड़ती हैं। किराया अधिक होने से यात्री टैक्सी का रुख नहीं कर रहे हैं। ओम शिव शक्ति टैक्सी यूनियन के उमेश पांडे, कैलाश टम्टा, चंदन सिंह, राजीव नेगी, राजीव नेगी, रमेश पांडे, चंद्र प्रकाश थापा आदि ने कहा कि आल्टो में दो सवारी बिठानी हैं। हल्द्वानी का किराया डेढ़ हजार रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को टैक्सी संचालकों की मदद करनी होगी। उनके टैक्स आदि माफ करने होंगे। उधर, केएमओयू के इंजार्च धरणीधर जोशी ने कहा कि बसों का संचालन नियमित है। पचास प्रतिशत सवारियां ही बैठाई जा रही हैं। किराया दोगुना किया गया है।
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