देहरादून, पिछले डेढ़ माह से भी अधिक समय से आंदोलित उपनल कर्मचारी तल्ख तेवर के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए सुबह धरना स्थल से निकले। हाथीबड़कला पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग पर रोक लिया। उपनल कर्मचारियों ने दून मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय की ओर से जारी किए गए अल्टीमेटम पर कड़ी आपत्ति जताई है।
समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 54 दिन से धरना जारी है। सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार के साथ ही अन्य जनपदों में भी धरना दिया जा रहा है। आज सभी कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया। इससे पहले शुक्रवार को महासंघ के महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने कहा कि सरकार की अनदेखी से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
दून मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय से एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कर्मचारियों को कहा गया है कि 17 अप्रैल तक ड्यूटी पर लौटें। वरना उन्हें निकाल दिया जाएगा। जबकि, मुख्यमंत्री और सैनिक कल्याण मंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। उसके बावजूद विभाग की ओर से ऐसी कार्रवाई से संदेह पैदा होता है कि सरकार और शासन के बीच दोनों कोई तालमेल नहीं है। उपनल कर्मियों के आंदोलन को राजनीतिक दलों, संघों कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दिया, उनसे भी मुख्यमंत्री आवास कूच में शामिल होने का आग्रह किया गया था । इस दौरान मुख्य संयोजक आंदोलन महेश भट्ट, विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, विजय राम खंकरियाल, विपिन सवाल, भावेश जगूड़ी, हरीश कोठारी, हरीश पनेरु, दीवान सिंह आदि उपस्थित थे।
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