नई दिल्ली। देश के विभिन्न भागों से ऑक्सीजन की कमी की खबरों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को पूरे देश में ऑक्सीजन की अबाध सप्लाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद गृहसचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन को कोरोना काल में अतिआवश्यक वस्तु बताते हुए इसकी आवाजाही पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाने की हिदायत दी है।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से विभिन्न राज्यों से ऑक्सीजन की मांग, सप्लाई चेन, उत्पादन क्षमता और उपलब्धता बढ़ाने की कोशिशों के बारे में विस्तृत ब्योरा पेश किया गया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि मौजूदा समय में प्रतिदिन ऑक्सीजन की खपत 3,800 मीट्रिक टन (एमटी) से ज्यादा है। इसमें से ज्यादातर खपत कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में हो रही है। ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब। बैठक में 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को इन राज्यों में ऑक्सीजन की होने वाली मांग का अनुमान लगाया गया, जो क्रमश: 4,880 एमटी, 5,619 एमटी और 6,593 एमटी है। बाकी राज्यों में भी कोरोना के बढ़ने की स्थिति में ऑक्सीजन की मांग बढ़ सकती है, जो 7,127 एमटी टन की दैनिक उत्पादन क्षमता से भी ज्यादा होगी।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि इस मांग को पूरा करने के लिए हर तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आयात भी शामिल है।
समीक्षा बैठक की खास बातें
– देश में प्रतिदिन 3,800 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन की खपत
– 30 अप्रैल को 12 राज्यों में 6,593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग का अनुमान
– ऑक्सीजन की दैनिक उत्पादन क्षमता 7,127 मीट्रिक टन, मांग बढ़ने पर होगी मुश्किल
– 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का किया जा रहा आयात, स्टील प्लांट से 1,500 मीट्रिक टन की सप्लाई
रीफिलिंग प्लांट को 24 घंटे काम करने की अनुमति
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री को बताया गया कि नाइट्रोजन और ऑर्गन टैंकर से ऑक्सीजन की सप्लाई करने की अनुमति दी गई है। रीफिलिंग प्लांट को भी 24 घंटे काम कर सकेंगे। इसके साथ ही स्टील प्लांट में स्थित ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों से भी ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
इस्पात मंत्रालय ने 30 हजार एमटी ऑक्सीजन उपलब्ध कराया
इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देश के बाद स्टील प्लांटों में स्थित 28 ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों से प्रतिदिन 1,500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। इसके साथ 30 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का स्टॉक भी उपलब्ध करा दिया गया है।
ऑक्सीजन अत्यावश्यक स्वास्थ्य वस्तु में शामिल
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्य सचिव को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की एक से दूसरे राज्यों में आवाजाही में किसी प्रकार की रुकावट नहीं डालने की हिदायत दी। भल्ला ने कहा है कि कोरोना काल में अति आवश्यक स्वास्थ्य वस्तु की श्रेणी में आने के कारण राज्य अपने यहां की उत्पादक इकाइयों से ऑक्सीजन को बाहर ले जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं और न ही ऑक्सीजन सप्लाई करने वालों को सिर्फ लोकल अस्पतालों में इसकी सप्लाई करने के लिए बाध्य कर सकते हैं। उन्होंने ऑक्सीजन टैंकरों की बेरोक-टोक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग को जरूरी निर्देश जारी करने को कहा है।
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