उज्जैन, । फ्रीगंज स्थित पाटीदार अस्पताल में रविवार सुबह आग लग गई। घटना के दौरान अस्पताल में 80 मरीज भर्ती थे, जिन्हें बचाव कर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया। आग से चार मरीज झुलस गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। दोनों को इंदौर रैफर किया गया है। बचाए गए मरीजों में 61 कोरोना संक्रमित अथवा संक्रमण के लक्षण (संदिग्ध) वाले थे। आग से आइसीयू वार्ड के बेड और अन्य चिकित्सकीय उपकरण जल गए। दमकल वाहनों ने 45 मिनट में आग पर काबू पाया। समय रहते आग पर काबू पाने और बचाव कार्य होने से बड़ा हादसा टल गया।
घटना सुबह 11.50 बजे हुई। 100 बेड वाले तीन मंजिला अस्पताल की पहली मंजिल पर स्थित आइसीयू से धुआं निकलते देख मरीजों और स्वजनों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग अस्पताल की छतों पर पहुंच गए और वहां से पास की इमारतों की छत पर कूद गए। बचाव दल ने सबसे पहले आइसीयू से मरीजों को निकाला और एंबुलेंस से अन्य अस्पतालों में भेजा। इसके बाद पूरा अस्पताल परिसर खाली कराया गया। झुलसे मरीजों को पास के गुरनानक अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से दो गंभीर मरीजों को इंदौर रैफर कर दिया गया।
शार्ट सर्किट या और कोई कारण
प्राथमिक जांच में पता चला है कि आग आइसीयू वार्ड के समीप की जगह पर शार्ट सर्किट के कारण लगी। हालांकि, एफएसएल सहित पुलिस की अन्य टीमें कारणों का भी पता लगा रही है। एंबुलेंस, दमकल वाहन रास्ते के लिए मशक्कत करते रहे पाटीदार अस्पताल फ्रीगंज के जीरो पॉइंट ब्रिज के एक ओर स्थित है। यहां वाहनों को आने-जाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। संकरा रास्ता होने से एंबुलेंसों और दमकल के वाहनों को अस्पताल पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी।
अस्पताल के पास नगर निगम की एनओसी नहीं
घटना के बाद अस्पतालों में आग पर काबू पाने के इंतजामों पर भी सवाल खड़े हुए हैं। पाटीदार अस्पताल प्रबंधन ने अग्नि सुरक्षा मापदंडों पर ध्यान नहीं दिया था। अस्पताल के पास नगर निगम की एनओसी भी नहीं थी। नगर निगम के अनुसार शहर में कुल 26 निजी अस्पताल हैं, इनमें से आठ अस्पताल में ही पर्याप्त अग्नि शमन व्यवस्थाएं हैं, वहीं कुछ अस्पतालों में इन पर काम हो रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अस्पतालों में अग्नि शमन इंतजामों की जांच करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निशुल्क इलाज कराने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने स्थानीय अधिकारियों से इसकी जानकारी ली। साथ ही घायल मरीजों का निशुल्क इलाज करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मरीजों को आधे घंटे के भीतर दूसरे अस्पतालों में पहुंचा दिया गया। ये भी जानें 7 दमकल वाहन लगे आग बुझाने में। 21 दमकलकर्मियों ने 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 6 थानों का पुलिस बल और प्रशासन की रेस्क्यू टीम रही तैनात। 25 एंबुलेंस के जरिए मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया।(जेएनएन)
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