हरिद्वार 25 फरवरी ( कुल भूषण ) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग एवं नेशनल इंस्टीटयूट आफ हायड्रालाजीए रूड़की के संयुक्त तत्वावधान में 22.26 फरवरी 2021 तक चलने वाले इस वेबिनार में गंगा नदी में पाये जाने वाले खनिज वनस्पतियों का मानव के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर आयोजित विषय पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
वनस्पति एवं जल अनुसंधान वैज्ञानिक प्रो आर सी दुबे ने चार दिवसीय वेबिनार में बोलते हुए कहा कि गंगा के पानी में उसके तेज वेग से होने वाले प्रवाह तथा उसमें पाये जाने वाले विभिन्न वनस्पतियों के गुणों के चलते गंगाजल पीने वाले व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से पोष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक होता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न चरणों में किये गये अनुसंधानों में यह सिद्ध हो चुका है कि गंगा में तेजी से प्रवाहित होने वाले अपने जल के प्रबन्ध व उसमें मिलने वाले विभिन्न वनस्पतियों व खनिजों के तत्व मिलने के चलते इसका जल मनुष्य के शरीर में रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को खत्म करने में बहुत हद तक कारगर सिद्ध होता है।
आयोजन समिति के सचिव प्रो डी एस मलिक ने कहा कि वेबिनार में अपर गंगा बेसन नदी में पाये जाने वाले विभिन्न जीवनरक्षक तत्वों व उनके प्रभावों पर देश.विदेश के विभिन्न वैज्ञानिकों व शोधार्थियों द्वारा अपने शोध प्रबन्धों पर चर्चा कर अपने अनुभव साझा कर रहे है। जिनका लाभ विभिन्न शोधार्थियों को मिल रहा है। वेबिनार में देश व प्रदेश के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों में कार्यरत वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे है। इनमें यूकोस्टए सीण्बीण्आरण्आईण्ए भारतीय वन अनुसंधान केन्द्र जैसे अनुसंधान प्रमुख रूप से शामिल है। इस वेबिनार में विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार रखे तथा उसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
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